Lok Sabha Speaker: लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप...

Lok Sabha Speaker: लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप...
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हाल ही में हुए लोकसभा अध्‍यक्ष के चुनाव के बाद एक बार फिर ओम बिरला को लोकसभा स्‍पीकर चुना गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सदन में प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता ओम बिरला को वाइस नॉट से 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष रूप में चयनित हुए है।

ओम बिरला ने विपक्षी उम्मीदवार और आठ बार के कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को हराया।

अध्यक्ष चुने जाने के बाद बिड़ला ने सदन की कुर्सी संभाली और प्रधानमंत्री मोदी, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कुर्सी पर बैठाकर उनका स्‍वागत किया।

लेकिन क्‍या आप जानते हैं लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला का राजनीतिक करियर बहुत दिलचस्प रहा है, आइए एक नजर डालते हैं उनके राजनीतिक सफर पर...

1. ओम बिड़ला लगातार दूसरी बार संसद के निचले सदन के अध्यक्ष चुने गए हैं।

2. वे राजस्थान के कोटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वे पहली बार 2014 में सांसद चुने गए थे।

3. 1985 में कांग्रेस के बलराम जाखड़ के बाद, अब ओम बिरला लोकसभा के सर्वोच्च पद पर दोबारा चुने जाने वाले पहले अध्यक्ष बने।

4. 1962 में जन्मे ओम बिरला के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1987 में कोटा में भाजपा की युवा शाखा के जिला अध्यक्ष के रूप में हुई।

5. उन्होंने पहले राजस्थान विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य किया उसके बाद 2003 से 2014 तक कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

7. उनके पिछले कार्यकाल के दौरान, लोकसभा की दक्षता में काफी सुधार हुआ। उनके कार्यकाल में संसद ने COVID-19 महामारी का सामना किया, ऐतिहासिक कानून पारित किए और अनुच्छेद 370 को खत्म किया।

8. उनके कार्यकाल के 2019 में पहले ही सत्र में, सभी पहली बार के सदस्यों को बोलने का मौका मिला और पहले सत्र के शून्यकाल के दौरान, सदस्यों ने 1,066 विषय उठाए - लोकसभा के इतिहास में किसी एक सत्र के लिए एक यह रिकॉर्ड है।

9. कई सांसदों ने अपने ससंद में दिए गए अपने भाषणों में कटौती की शिकायत की, बिड़ला पहले अध्यक्ष थे जिन्होंने सांसदों को उनके भाषणों की क्लिपिंग उपलब्ध कराई ताकि वे उन्हें सोशल मीडिया पर प्रसारित कर सकें।

10. उन्होंने बहस की गुणवत्ता में सुधार के लिए विधेयकों या नीतियों पर सांसदों के लिए ब्रीफिंग सत्रों की एक नई प्रणाली भी शुरू की। संसद की नई में पहली बार ओम बिड़ला लोकसभा अध्‍यक्ष के रूप में चुने गए हैं।

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