मुंबई: इस साल 38% बढ़े ऑनलाइन फ्रॉड केस, अब तक 4054 साइबर अपराध के मामले हुए दर्ज

इस साल 38% बढ़े ऑनलाइन फ्रॉड केस, अब तक 4054 साइबर अपराध के मामले हुए दर्ज
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मुंबई। सपनों की महानगरी के रूप में जानी जाने वाली मुंबई अब अपराध की राजधानी बनती जा रही है। यह हम नहीं, बल्कि मुंबई पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़े कह रहे हैं। मुंबई पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में नौ महीनों में साइबर अपराध के मामलों में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल कुल 4054 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 920 मामलों का खुलासा किया गया और 970 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पिछले साल जनवरी से सितंबर तक 3191 साइबर अपराध के मामले दर्ज हुए थे। इस वर्ष ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। पुलिस ने इन धोखाधड़ी के मामलों को 11 विभिन्न श्रेणियों में बांटा है।

आंकड़ों के अनुसार, इस साल दर्ज 2349 ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में से सबसे अधिक निवेश धोखाधड़ी (896 मामले) की है, इसके बाद नौकरी धोखाधड़ी (388 मामले), फर्जी वेबसाइट धोखाधड़ी (94 मामले), ऑनलाइन खरीद धोखाधड़ी (63 मामले), कस्टम/उपहार धोखाधी (55 मामले), ऋण धोखाधड़ी (45 मामले), क्रिप्टो-मुद्रा धोखाधड़ी (35 मामले), बीमा/भविष्य निधि धोखाधड़ी (17 मामले), वैवाहिक धोखाधड़ी (09 मामले) और ऑनलाइन प्रवेश धोखाधड़ी (03 मामले) शामिल हैं।

पुलिस ने 2349 मामलों में से 214 मामलों का खुलासा किया है और इन अपराधों में कथित संलिप्तता के लिए 516 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इस साल जनवरी से सितंबर तक, पुलिस ने 741 क्रेडिट/डेबिट कार्ड ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा, अश्लील ईमेल/एसएमएस/एमएमएस/पोस्ट (175 मामले), फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल/मॉर्फिंग ईमेल/एसएमएस (108 मामले), फिशिंग/एमआईएम अटैक/स्पूफिंग मेल (68 मामले), सेक्सटॉर्शन (34 मामले), हैकिंग (33 मामले), डेटा चोरी (21 मामले), पोर्नोग्राफी (14 मामले) और सांप्रदायिक पोस्ट (05 मामले) भी दर्ज किए गए हैं।

इस साल साइबर अपराध के मामले इस प्रकार हैं:

  • निवेश धोखाधड़ी - 896 मामले
  • क्रेडिट/डेबिट कार्ड ऑनलाइन धोखाधड़ी - 741 मामले
  • नौकरी धोखाधड़ी - 388 मामले
  • अश्लील ईमेल/एसएमएस/एमएमएस/पोस्ट - 175 मामले
  • फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल/मॉर्फिंग ईमेल/एसएमएस - 108 मामले
  • फर्जी वेबसाइट - 94 मामले
  • फिशिंग/एमआईएम अटैक/स्पूफिंग मेल - 68 मामले
  • खरीद धोखाधड़ी - 63 मामले
  • कस्टम/उपहार धोखाधड़ी - 55 मामले

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