लोकसभा में पेश हुआ दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, विपक्ष ने किया हंगामा
नईदिल्ली। संसद का सत्र आज 9वां दिन है। मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को लेकर विपक्ष का हंगामा आज भी जारी है। विपक्षी गठबंधन INDIA प्रधानमंत्री मोदी के जवाब की मांग पर अड़ा हुआ है। सुबह संसद की कार्रवाई शुरू होते दोनों सदनों में कांग्रेस एवं अन्य दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसे देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को 12 बजे और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गयी है।
लोकसभा में दिल्ली बिल पेश -
दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नियुक्ति और स्थानांतरण संबंधित सेवा अध्यादेश को बदलने के लिए सरकार ने आज (मंगलवार) को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय द्वारा विधेयक पेश किया गया।विधेयक का कुछ विपक्षी सांसदों ने विरोध किया। विरोध के जवाब में मंत्री ने कहा कि विधेयक के विरोध केवल राजनीतिक है और इसका संवैधानिक आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन को संविधान के अनुसार दिल्ली संघ शासित राज्य के लिए किसी भी कानून को लाने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में इसी का समर्थन किया है।
कार्रवाई 3 बजे तक स्थगित -
विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित है। ऐसे में सरकार विधेयक ला ही नहीं सकती। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विधेयक का विरोध किया कि यह संघीय ढांचे को प्रभावित करता है और जनप्रतिनिधियों के बजाए अधिकारियों को ताकत देता है।इसके बाद लोकसभा में विपक्षी सांसद सदन के बीचों बीच आ गए और विरोध करते हुए प्लेकार्ड दिखाने लगे। अध्यक्ष ने सांसदों को चेतावनी दी कि वे उनका नाम लेंगे। इसके बाद कार्यवाही को 03 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मणिपुर मुद्दे पर हंगामा -
इससे पहले मंगलवार सुबह दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर मुद्दे विपक्ष की नारेबाजी और हंगामा जारी रहा। दरअसल, विपक्षी पार्टियों का गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत राज्यसभा में चर्चा चाहता है। जिसका अर्थ है की संसद में इसके अलावा कोई काम नहीं होगा।
पीएम के बयान पर अड़ा विपक्ष -
राज्यसभा में सभापति ने कहा कि सरकार एक सामूहिक जिम्मेदारी है। केवल प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़े रहना जायज नहीं है। 2014 में भी इसी तरह सीताराम येचुरी की ओर से की गई मांग को चेयर की ओर से नकार दिया गया था। सभापति ने कहा कि उन्होंने सोमवार को मणिपुर पर शॉर्ट डिस्कशन की अनुमति दी थी लेकिन अफसोस है कि सदन की कार्यवाही में व्यवधान रहा।
सरकार का आरोप विपक्ष चर्चा से भाग रहा
वहीँ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन के बाहर कहा- विपक्ष अपने लक्ष्य से भटक गया है। जब पीएम मोदी सदन में बोलने के लिए खड़े होते हैं तो विपक्ष हंगामा करता है। विपक्षी सांसद पीएम को सुनते तक नहीं है। क्या विडंबना है? सीतारमण ने ये भी कहा कि क्या अभी तक कोई गृह मंत्री मणिपुर गया? हमारे गृह मंत्री अमित शाह वहां 3 दिन रहे। वे वहां राहत शिविरों में गए। उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि उन्हें हर तरह की राहत दी जाएगी।