12 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, मुफ्त टीकाकरण का दिया सुझाव

12 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र,  मुफ्त टीकाकरण का दिया सुझाव
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नईदिल्ली। देश के12 राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखकर कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए केन्द्र सरकार को नौ सुझाव दिए हैं, जिनमें देश के सभी नागरिकों मुफ्त टीकाकरण कराने तथा बेरोजगार लोगों को छह हजार रुपये मासिक सहायता राशि देने का सुझाव शामिल है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। चार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), एमके स्टालिन(तमिलनाडु), हेमंत सोरेन (झारखंड) शामिल हैं। इसके अलावा समाजवादी नेता अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा ने भी पत्र में हस्ताक्षर किए हैं।

इन विपक्षी नेताओं ने कोरोना महामारी से निपटने में मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से नियंत्रित करने में सरकार पूरी तरह असफल रही है। सरकारी नीतियों के कारण महामारी ने विकराल रूप लिया और देश को एक बड़ी मानवीय विभीषिका का सामना करना पड़ा। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि सरकार ने विपक्ष की ओर से दिए गए सुझावों पर कोई अमल नहीं किया तथा उन्हें नजरअंदाज कर दिया।

निशुल्क और व्यापक स्तर पर टीकाकरण -

पत्र में सुझाव दिया गया है कि सरकार को घरेलू और विदेशी सभी स्रोतों से वैक्सीन हासिल करनी चाहिए। यह वैक्सीन केन्द्रीय स्तर पर हासिल की जानी चाहिए। सभी लोगों के लिए निशुल्क और व्यापक स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जाना चाहिए। पत्र में घरेलू स्तर पर बनायी जा रही वैक्सीन के उत्पादन का लाइसेंस सभी को अनिवार्य रूप से देने के लिए कदम उठाए जाएं ताकि इसके उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके। इसमें वैक्सीनेशन के लिए आवंटित 35 हजार करोड़ की धनराशि का उपयोग किया जाए।

आर्थिक सहायता -

पत्र में सभी बेरोजगार लोगों को कम से कम 6 हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया गया है। पत्र में पीएम केयर फंड की धनराशि वैक्सीन, ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा उपकरण खरीद के लिए जारी की जाए। साथ ही इस फंड पर सवाल उठाते हुए इसे बिना लेखा-जोखा वाला निजी कोष बताया गया है। विपक्षी नेताओं ने अपने पत्र में निर्माणाधीन सेन्ट्रल विस्टा परियोजना को रोके जाने तथा उसी धनराशि को ऑक्सीजन और वैक्सीन हासिल किए जाने पर खर्च करने का आग्रह किया गया है।

मुफ्त खाद्यान्न -

विपक्षी नेताओं ने जरूरतमंद लोगों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की भी मांग की। इन नेताओं के अनुसार केन्द्रीय गोदामों में एक करोड़ टन खाद्यान्न बेकार पड़ा है। विपक्षी दलों ने केन्द्रीय कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि महामारी के दौर में लाखों किसानों को खतरे बचाया जाना चाहिए ताकि अन्नदाता कृषि कार्यों में दोबारा लग सकें। पत्र के अंत में मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और सरकार का यह रवैया रहा है कि वह विपक्ष के सुझावों का कोई जवाब नहीं देती । फिर भी हमें आशा है कि देश और उसके नागरिकों के हित के लिए सरकार हमारे सुझावों पर आवश्यक कदम उठाएगी।

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