ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से वापस लाई जाएगी अंतिम अलवर संत की 500 साल पुरानी मूर्ति, जानिए क्या है खास
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से वापस लाई जाएगी अंतिम अलवर संत की 500 साल पुरानी मूर्ति
Oxford University : विदेशों के म्यूजियम जिन कलाकृतियों और मूर्तियों से सजाए गए हैं उनमें से अधिकतर भारत जैसे देशों से चुराए गए थे। यहां लंबे समय तक विदेशी ताकतों का राज था ऐसे में सांस्कृतिक रूप से बहुमूल्य मूर्तियों और कलाकृतियों को चुराकर विदेशी ले जाते रहे। मसलन अब बहुत सी मूर्तियां लौटाई जाए रहीं हैं। इसी कड़ी में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) से भी एक बहुमूल्य मूर्ती भारत आने वाली है। यह मूर्ती अंतिम अलवर संत की है।
जानकारी के अनुसार यह मूर्ती करीब 500 साल पुरानी है। अंतिम अलवर संत थिरुमंगई अलवर (Thirumangai Alwar) की यह कांस्य मूर्ति तमिलनाडु के एक मंदिर से चुराई गई थी। इसे विदेशी बाजार में बेच दिया गया। यह मूर्ती ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में थी जब एक रिसर्चर ने इसके बारे में पड़ताल की तो पता चला कि, यह भारत से चुराई गई थी। खैर ऐसी कई मूर्तियां यहाँ से चुराई गई थी। यह बात तो सभी जानते हैं।
जब भारत उच्चायुक्त को इस बारे में पता चला तो यूनिवर्सिटी से मूर्ती वापस करने का आग्रह किया गया। जवाब में यूनिवर्सिटी ने कहा कि, उसने सद्भावना से यह मूर्ती साल 1967 में एक संग्राहक बेल्मोन्ट से खरीदी थी। तब से यहीं है, हम भारत के दावे का समर्थन करते हैं। चैरिटी आयोग के सामने इस प्रस्ताव को रखा गया है जल्द ही मूर्ती भारत लौट सकती है।
क्यों खास है मूर्ती :
अलवर भारत का सबसे पुराना संप्रदाय है। वैष्णव परंपरा से जुड़े इस सम्प्रदाय में 12 संत हुए हैं। अंतिम संत थिरुमंगई अलवर थे। यह सबसे विद्वान भी माने जाते हैं। आलवारों का काल 6 वीं से 9 वीं शताब्दी तक था।