ICC Champions Trophy 2025: भारत के बिना चैंपियंस ट्रॉफी से पाकिस्तान को भारी नुकसान का खतरा, सुरक्षा पर उठे बड़े सवाल...
ICC Champions Trophy: 2025 में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के मेज़बान पाकिस्तान के लिए भारत का टूर्नामेंट में हिस्सा लेना बेहद अहम है, लेनिक जबसे BCCI ने पाकिस्तान जाने से मना किया है तबसे पूरे पाकिस्तान में खलबली का महौल है।
पाकिस्तानी सरकार किसी भी कीमत पर यह चाहती है कि भारत, पाकिस्तान क्रिकेट खेलने आए क्योंकि अगर ऐसा नहीं होता है तो पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पढ़ सकता है।
भारत का पाकिस्तान नहीं जाना मतलब पाकिस्तान की सुरक्षा पर सवाल
2008 के बाद से भारत ने पाकिस्तान की धरती पर एक भी मैच नहीं खेला है, वहीं पाकिस्तान का आतंक के साथ पुराना इतिहास रहा है, यही वजह है कि पाकिस्तान में किसी भी बाहर के व्यक्ति को सुरक्षा मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।
पाकिस्तान ICC Champions Trophy की मेजबानी करके यह साबित करना चाहता है कि पाकिस्तान में सभी देशों के नागरिक सुरक्षित हैं, लेकिन इसके लिए भारत का पाकिस्तान जाना बहुत ही अहम मुद्दा बन गया है।
अब भारत का पाकिस्तान नहीं जाना दुनिया को इस बात का संदेश दे रहा है कि पाकिस्तान अभी भी बाहर के नागरिकों की सुरक्षा के लिए अच्छा स्थान नहीं है। भारत की भागीदारी के बिना टूर्नामेंट में दर्शकों की कमी और राजस्व में भारी गिरावट का खतरा है, जिससे पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
क्यों अहम है भारत का टूर्नामेंट में शामिल होना?
भारत और पाकिस्तान के मैच हमेशा से ही क्रिकेट प्रेमियों के लिए सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहे हैं। दुनियाभर के प्रशंसकों में इस मुकाबले का एक अलग रोमांच होता है, और आईसीसी के लिए भी यह दो देशों के बीच का मुकाबला राजस्व कमाने का सबसे बड़ा जरिया साबित होता है।
अगर भारत टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेता है, तो पाकिस्तान को अपने घरेलू दर्शकों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आकर्षण में कमी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, आईसीसी और स्पॉन्सरशिप डील में भी बड़ा असर पड़ सकता है, जिससे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
पीसीबी की कोशिशें और कूटनीतिक प्रयास
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने भारत को इस टूर्नामेंट में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से संपर्क साधा है और अपने स्तर पर भारत को शामिल करने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। यह भी माना जा रहा है कि पीसीबी ने इस मुद्दे को उच्च कूटनीतिक स्तर पर उठाने की योजना बनाई है, ताकि क्रिकेट के मंच पर दोनों देशों के बीच खेल का माहौल बने।
पीसीबी प्रमुख और अन्य अधिकारी भारत को इस टूर्नामेंट में शामिल करने के लिए भारत सरकार और बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) से बातचीत करना चाहते हैं। पीसीबी इस स्थिति को सामान्य बनाने और भारत को बुलाने के लिए कूटनीति के साथ-साथ आईसीसी के माध्यम से भी समाधान तलाशने में लगा हुआ है।
भारत ने पाकिस्तान जाने से किया मना
बीसीसीआई ने आईसीसी को यह साफ कर दिया है कि भारत किसी भी कंडीशन में पाकिस्तान क्रिकेट खेलने नहीं जाएगा, ऐसे में अगर मैच नहीं कोई सिफ्ट नहीं होते हैं तो न केवल पाकिस्तान बल्कि आईसीसी के राजस्व पर भी असर पड़ेगा। आईसीसी के मुख्य टूर्नामेंटों में भारत से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा होता है, और भारत की अनुपस्थिति में न केवल विज्ञापन, बल्कि प्रसारण अधिकार और टिकट बिक्री में भी गिरावट आ सकती है।
इसके अलावा, भारत के न होने से टूर्नामेंट का ग्लोबल अपील भी कम हो सकती है, जिससे आईसीसी की लोकप्रियता और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी यह निराशा का कारण बनेगा क्योंकि उन्हें अपने देश में भारत के खिलाफ मैच देखने का अवसर नहीं मिल पाएगा।
अब यह देखना होगा कि क्या आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी किसी और टीम को देता है या फिर पाकिस्तान में बिना भारत के चैंपियन्स ट्रॉफी का आयोजन होगा।