मप्र में पंचायत चुनाव रद्द, निर्वाचन आयोग ने की घोषणा, जमानत राशि होगी वापिस

मप्र में पंचायत चुनाव रद्द, निर्वाचन आयोग ने की घोषणा, जमानत राशि होगी वापिस
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भोपाल। प्रदेश में पंचायत चुनाव अब नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को निरस्त करने का फैसला लिया है। नामांकन के साथ उम्मीदवार द्वारा जो जमानत राशि जमा की गई है, उसे वापस किया जाएगा। उक्त निर्णय कानून के सभी पक्षों पर विचार करने के बाद लिया गया है। इस संबंध में मंगलवार शाम आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि सभी आवश्यक कानूनी राय लेने के बाद राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत चुनाव की पूरी प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा की, फिर तय हुआ कि मामले में विधि विशेषज्ञों की राय ली जाए, उसके बाद किसी निर्णय पर पहुंचा जाए। अब वह भी कर लिया गया है और कुल निष्कर्ष जो रहा, वह आज आपके सामने है।

उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज और ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लिए जाने के बाद ही यह लग गया था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव रद्द कर दिया जाएगा। वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कह चुके थे कि पंचायत चुनाव टलेंगे। मामला यहां अन्य पिछड़ा वर्ग से आरक्षण से जुड़ा हुआ है, जिसमें कि केंद्र सरकार भी शामिल हो गई। केंद्र सरकार ने पक्षकार बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को याचिका भी दायर की थी। जिस पर तीन जनवरी को सुनवाई होगी।

दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित (पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य) पदों को छोड़कर चुनाव करा रहा था, लेकिन जिस अध्यादेश के आधार पर चुनाव घोषित किए गए थे, जब सरकार ने उसे ही वापस ले लिया तो चुनाव प्रक्रिया को स्थगित कर देना पड़ा। आयोग को यह फैसला लेने में इतना वक्त इसलिए लगा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को ओबीसी के लिए रिजर्व सीटों को सामान्य घोषित कर चुनाव कराने के आदेश दिया था। इस बीच सरकार ने पंचायत राज संशोधन अध्यादेश वापस लेकर संकेत दे दिया था कि अब पंचायत चुनाव होना संभव नहीं है। चुनाव आयुक्त ने लगभग पौने दो घण्टे तक प्रधान सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग उमाकांत उमराव, निदेशक पंचायत राज आलोक कुमार सिंह और आयोग के अधिकारियों के साथ मंगलवार शाम बैठक की। उसमें नियमों एवं विधि विशेषज्ञों की राय मानते हुए यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्थगित कर देने की घोषणा कर दी गई।

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