Mysterious Case: 50 साल पुराना कोल्ड केस सुलझा, बर्फीली गुफा से मिला था शव
America cold case solved
America Mysterious Cold Case Solved : देश और दुनिया में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जो हैरान कर देने वाली होती हैं। अमेरिका में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। पेन्सिलवेनिया में स्थानीय अधिकारियों और पुलिस ने 50 साल पुराने रहस्य को सुलझाने में सफलता हासिल की है। 1977 में पेन्सिलवेनिया की एक बर्फीली गुफा में पर्वतारोहियों को एक शव दबा हुआ मिला था। उस समय से ही पुलिस और प्रशासन शव की पहचान करने में लगे थे, लेकिन कहीं कोई सुराख हाथ नहीं लग रहा था। अब 47 साल बाद शव की पहचान कर ली गई है। यह शव फोर्ट वॉशिंगटन (पेन्सिलवेनिया) के निवासी निकोलस पॉल ग्रुब का था। निकोलस के परिवार को लगभग 50 साल बाद पता चला है कि उनके साथ क्या हुआ था।
27 साल की उम्र में हुआ था दफन
जब निकोलस पॉल पेन्सिलवेनिया की गुफा में दफन हुए थे, उनकी उम्र 27 साल थी। यदि वह आज जीवित होते, तो उनकी उम्र 51 साल होती। इस मामले को अमेरिका में कोल्ड केस या पिनेकल मैन मिस्ट्री के नाम से जाना जाता है। हालांकि अब यह केस सॉल्व हो चुका है। बर्क्स काउंटी के स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि पुरानी फाइलों की गहन छानबीन से इस कोल्ड केस को सुलझाने में मदद मिली। निकोलस पॉल एपलेशियन माउंटेन की चोटी के पास बर्फ में जिन्दा दफ न हो गए थे। 16 जनवरी 1977 को पर्वतारोहियों ने उनका शव खोजा था और तभी से शव की पहचान के प्रयास जारी थे।
ड्रग ओवरडोज का खुलासा
बर्क्स काउंटी के वरिष्ठ अधिकारी जॉर्ज होम्स ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से शव की पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन ड्रग ओवरडोज के संकेत मिले थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी प्रकार के ट्रॉमा के निशान नहीं थे। होम्स ने आगे बताया कि शव के दांतों और फिंगरप्रिंट के नमूने लिए गए थे, लेकिन फिंगरप्रिंट की फाइल कई वर्षों तक गायब रही।
42 साल बाद केस में आई तेजी
42 साल बाद कोल्ड केस के नाम से प्रसिद्ध इस मामले की छानबीन तेज कर दी गई थी। फ्लोरिडा और इलिनॉय से दो व्यक्तियों के लापता होने के लिंक ने इस मामले को और महत्वपूर्ण बना दिया। 2019 में शव को कब्र से बाहर निकाला गया और बर्क्स काउंटी की फोरेंसिक टीम ने उसकी जांच की। DNA रिपोर्ट तैयार की गई और नेशनल मिसिंग एंड अनआइडेंटिफाइड पर्सन सिस्टम में अपडेट की गई। अगस्त 2024 में पेन्सिलवेनिया स्टेट पुलिस के अधिकारी इयान केक ने फिंगरप्रिंट की गुम फाइल को ढूंढ़ने में सफलता प्राप्त की। 1977 की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से जुड़ी इस फाइल में शव के फिंगरप्रिंट थे, जिसके आधार पर 12 अगस्त को शव की पहचान की गई।