UP News: IIT कानपुर में PhD स्टूडेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- मेरी मौत का जिम्मेदार...

IIT कानपुर में PhD स्टूडेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा- मेरी मौत का जिम्मेदार...
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PhD student commits suicide at IIT Kanpur : उत्तर प्रदेश। आईआईटी कानपुर में स्टूडेंट की आत्महत्या का मामला थम्मन का नाम नहीं ले रहा है। गुरूवार को यहाँ एक और स्टूडेंट का शव कमरे के पंखे से लटका हुआ मिला है। छात्रा अर्थ साइंस में पीएचडी लास्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी। छात्रा की पहचान प्रगत‍ि खरया (28) के रूप में हुई है। सूचना मिलने पर कल्याणपुर थाने की पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूत इकट्ठा किए हैं। पुलिस को मृतका के कमरे से सुसाइड नोट मिला है।

सुसाइड नोट में दी हिंट

आईआईटी प्रबंधन से मिली सूचनाके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस मृतका के कमरे की जांच की तो वहां पुलिस को सुसाइड नोट मिला। इसमें मृतका ने अपने जीवन से असंतुष्ट होने की बात लिखते हुए कहा कि मैं अपनी मौत की खुद जिम्मेदार हूं, इसके लिए कोई दोषी नहीं है। उसने अपने दोस्तों के लिए लिखा कि आप लोगों ने मेरा बहुत सहयोग किया, धन्यवाद।

पुलिस ने बताया कि मृतक छात्रा मूल रूप से उरई निवासी गोविंद खरया वर्तमान में चकेरी थाना क्षेत्र के सनिगवां सजारी में रहते हैं। वो लाला पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स में स्टॉक मैनेजर हैं। शहर में मकान होने के बावजूद वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी। गुरुवार सुबह जब हॉस्टल का कमरा नहीं खुला तो उसकी सहेलियों ने जानकारी दी। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ातो देखा कि प्रगति का शव फंदे से लटका हुआ था। यह देख छात्राओं में हड़कंप मच गया।घटना की जानकारी होने पर मृतका के पिता व अन्य परिजन भी आनन फानन में पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

परिजनों ने बताया कि, प्रगति तीन भाइयों में इकलौती बहन थी। बड़ा भाई सत्यम एचडीएफसी बैंक में नौकरी करता है। दूसरा भाई एनटीपीसी में इंजीनियर है। वहीं तीसरा सुंदरम इंफोसिस कंपनी में इंजीनियर है। पिता गोविंद, मां संगीता, चाचा गोपालदास व अन्य परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

प्रगति के पिता गोविंद ने बताया कि मेरी बेटी बचपन से ही पढ़ने में अच्छी थी। उसने हंसराज कॉलेज दिल्ली से बीएससी, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमएससी की। अब वह आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही थी। पिता रोते-रोते यही कहते रहे कि उनकी बेटी ने ऐसा कदम क्यों उठाया। वह शुरू से ही बहादुर थी। वो अपने बड़े भाई सत्यम को सब कुछ बताती थी।

आत्महत्या का चौथा संदिग्ध मामला

गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है, इससे पहले तीन मामले सामने आ चुके है। 18 जनवरी को केमिकल इंजीनियरिंग की 29 वर्षीय पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल ने अपने हॉस्टल के कमरे में अंदर से बंद होने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। इसके बाद 11 जनवरी को एम.टेक द्वितीय वर्ष के छात्र विकास कुमार मीना (31) ने आईआईटी, कानपुर में अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटक कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद 19 दिसंबर को पोस्ट डॉक्टरल शोधकर्ता पल्लवी चिलका (34) ने परिसर में दूसरी मंजिल पर स्थित अपने छात्रावास के कमरे में आत्महत्या कर ली थी।

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