Mahakumbh 2025: कुंभ मेला जाने की योजना बना रहे हैं तो आस पास की इन जगहों पर जरूर घूमिए

कुंभ मेला जाने की योजना बना रहे हैं तो आस पास की इन जगहों पर जरूर घूमिए
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अगर आप भी महाकुंभ में स्नान के लिए जा रहे है तो आप आसपास मौजूद जगहों में घूमने का प्लान कर सकते है।

Kumbh Mela 2025 visit: आने वाले साल जनवरी में महाकुंभ का आगाज होने वाला है। इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी है। यहां पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की खबर है।13 जनवरी से प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर ये महा धार्मिक आयोजन शुरू हो जाएगा और इस मेले में करोड़ों लोग भाग लेंगे. कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालू त्रिवेणी संगम तट पर स्नान करते हैं।

अगर आप भी महाकुंभ में स्नान के लिए जा रहे है तो आप आसपास मौजूद जगहों में घूमने का प्लान कर सकते है। चलिए जानते हैं इन जगहों के बारे में...

त्रिवेणी संगम

जैसा कि, महाकुंभ में स्नान करने के लिए त्रिवेणी संगम का नाम जाना जाता हैं। वहीं पर यह जगह गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है.ये तीनों नदियां संगम स्थल पर पानी के नीचे ही आपस में मिलती हैं। यहां स्नान करने का महत्व होता हैं।

लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर

उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में ही एक ओर खास स्थान प्रयागराज के दरगंज क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर है। इसे संकट मोचन हनुमान मंदिर कहा जाता है,कहते हैं कि यहां संत समर्थ गुरु रामदास जी ने हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति स्थापित की थी। यहां पर दर्शन के लिए और भी देवी और देवताओं की मूर्ति देखने के लिए मिलेगी।

नाग वासुकी मंदिर

महाकुंभ वाले स्थान पर घूमने के लिए आपको प्रयागराज में नाग वासुकी मंदिर एक शानदार मंदिर देखने के लिए मिलता हैं। इस मंदिर का हाल ही में नवीनीकरण हुआ है. इसकी शिल्प कला और सौंदर्य देखते ही बनता है। महाकुंभ के दौरान आने वाले लोग इस मंदिर को देखने जरूर आते हैं।

श्री अलोप शंकरी मंदिर

महाकुंभ वाले स्थान प्रयागराज के अलोपी बाग में श्री अलोप शंकरी मंदिर भी बहुत मशहूर मंदिर है. संगम और अक्षयवट के तीन किलोमीटर की दूरी पर ये मंदिर बना है और यहां काफी भक्त आते हैं।

प्रयाग संग्रहालय और गंगा गैलरी

प्रयागराज का संग्रहालय भी खासा मशहूर है. यहां पर प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेज कर रखा गया है. इसके साथ साथ गंगा गैलरी में आपको गंगा नदी से जुड़े विचार, वैज्ञानिक पहलू, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से जुड़ी चीजें देखने को मिलेगी.

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