आत्मनिर्भर भारत का मंत्र गांव-गांव पहुंच रहा : प्रधानंमंत्री

आत्मनिर्भर भारत का मंत्र गांव-गांव पहुंच रहा  : प्रधानंमंत्री
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नईदिल्ली। आज आत्मनिर्भर भारत का मंत्र गांव-गांव पहुंच रहा है। युवाओं को नया सोचने, नया करने में संकोच नहीं करना चाहिए। रविवार को प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में यह बात कही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पानी हमारे लिए एक सामूहिक उपहार है। उन्होंने माघ महीने की पवित्रता को समझाते हुए पानी के महत्व को बताया।

प्रधानमंत्री ने वर्षाजल के संचयन के लिए सौ दिनों का अभियान शुरू करने पर बल दिया। पीएम ने कहा कि पानी का स्पर्श जीवन के लिए जरूरी है और विकास के लिए भी। पानी को लेकर हमें अपनी सामूहिक जिम्मेदारी को समझना होगा।

इस दौरान भारत के महान वैज्ञानिक डॉक्टर सी.वी. रमन का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि आज नेशनल साइंड डे है। आज का दिन 'रमन इफेक्ट' खोज को समर्पित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जैसे दुनिया के दूसरे वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं, वैसे ही हमें भारत के वैज्ञानिकों के बारे में भी जानना चाहिए। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री ने भारत के महान वैज्ञानिक डॉक्टर सी.वी. रमन का स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' में साइंस की शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है। आत्मनिर्भर का मतलब अपनी किस्मत का फैसला खुद करना है।

गौरतलब है कि प्रकाश को लेकर नवीन कार्य के लिए सी.वी.रमन को वर्ष 1930 में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया था। वे विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई थे। उनका आविष्कार उनके नाम से पहचाना गया। आज उसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है।

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