निर्माण क्षमता में बढ़ोतरी से रोजगार सृजन भी बढ़ेगा : प्रधानमंत्री

निर्माण क्षमता में बढ़ोतरी से रोजगार सृजन भी बढ़ेगा : प्रधानमंत्री
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प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम पर वेबीनार को किया संबोधित

नईदिल्ली। देश में निर्माण क्षमताओं की बढ़ोतरी से रोजगार सृजन को भी काफी बढ़ावा मिलता है। भारत इसी अप्रोच के साथ तेज़ी से काम करना चा​हता है। इस सेक्टर में हमारी सरकार निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक के बाद एक कई सुधार कर रही है। देश का बजट और देश के लिए पॉलिसी मेकिंग सिर्फ सरकारी प्रक्रिया न रहे, देश के विकास से जुड़े हर स्टेक होल्डर्स का इसमें इफेक्टिव एंगेजमेंट हो। इसी क्रम में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, मेक इन इंडिया को ऊर्जा देने वाले आप सभी महत्वपूर्ण साथियों से चर्चा हो रही है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम पर वेबीनार को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने यह भी कहा कि हर तरह से केंद्र की नीति और रणनीति स्पष्ट है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण हैं, जहां देशों ने अपनी निर्माण क्षमताओं को बढ़ाकर विकास को गति दी है। विनिर्माण अर्थव्यवस्था के हर पहलू को बदल देता है और एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करता है। उन्होंने कहा कि निर्माण क्षमताएं जितना बढ़ेंगी इससे देश में रोजगार सृजन भी उतना बढ़ेगा। पिछले 6-7 सालों में हमारी सरकार ने भी 'मेक इन इंडिया' को अलग-अलग स्तरों पर मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

जीरो इफेक्ट और जीरो डिफेक्ट -

वहीं, अपनी सरकार की नीति और रणनीति को हर तरह से स्पष्ट बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'हमारी सोच न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन की और हमारी अपेक्षा जीरो इफेक्ट और जीरो डिफेट है।' उन्होंने कहा कि वर्तमान की केंद्र सरकार को पता है कि हर चीज में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्या पैदा करता है। इसलिए हम स्व-नियमन, स्व-प्रमाणन पर जोर दे रहे हैं।

विदेशी निर्भरता कम होगी -

पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये एक निश्चित सेक्टर के साथ उससे जुड़े पूरे इकोसिस्टम को फायदा पहुंचाता है। ऑटो और फार्मा में पीएलआई की उपस्थिति से ऑटो पार्ट्स, मेडिकल इक्विपमेंट्स और दवाओं के रॉ मैटेरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगले पांच साल में इस स्कीम के तहत भारत में 520 बिलियन डॉलर के प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चर किए जाएंगे। इस वर्ष के बजट में पीएलआई स्कीम से जुड़ी योजनाओं के लिए करीब दो लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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