प्रधानमंत्री ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक, कहा - राज्यों को बिना रूकावट हो ऑक्सीजन की सप्लाई

प्रधानमंत्री ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक, कहा - राज्यों को बिना रूकावट हो ऑक्सीजन की सप्लाई
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नईदिल्ली। देश में जारी कोरोना कहर के बीच सभी राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर प्रधानमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक समीक्षा बैठक बुलाई। इस बैठक में प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन के उत्पादन और वितरण को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। पीएम मोदी को अधिकारीयों ने पिछले कुछ हफ्तों में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों पर जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने राज्यों तक ऑक्सीजन के तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चा की गई कि टैंकरों के तेजी से और बिना रुके लंबी दूरी के परिवहन के लिए रेलवे का उपयोग किया जा रहा है। 105 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए पहली रैक मुंबई से वैज़ाग तक पहुंच गई है। इसी तरह, ऑक्सीजन की आपूर्ति में एक तरफ़ा यात्रा के समय को कम करने के लिए ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं को खाली ऑक्सीजन टैंकरों को भी उठाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री को इस दौरान देशभर में ऑक्सीजन की मांग और उसके अनुरूप उपलब्धता सुनिश्चित करने से जुड़े राज्यों के साथ किए जा रहे समन्वय की जानकारी दी गई। उन्हें यह भी बताया गया कि कैसे राज्यों को धीरे-धीरे ऑक्सीजन की उपलब्धता में तेजी लाई जा रही है। अधिकारियों ने प्रधानमत्री को सूचित किया कि वे जल्द से जल्द स्वीकृत पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों के संचालन के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

वर्तमान में 20 राज्यों को 6755 मेट्रिक टन प्रतिदिन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत है। केंद्र सरकार ने बुधवार से इन राज्यों को 6822 मेट्रिक टन प्रतिदिन की दर से ऑक्सीजन आवंटित की है। बैठक में इस बात को रेखांकित किया गया कि पिछले कुछ दिनों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की निजी एवं सार्वजनिक इस्पात प्लांट, उद्योगों, ऑक्सीजन उत्पादन और गैर जरुरी औद्योगिक कार्यों के लिए ऑक्सीजन उपयोग पर प्रतिबंध जैसे उपायों से 3300 मेट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाई गई है।

चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने ऑक्सीजन के विवेकपूर्ण उपयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया और कैसे कुछ राज्यों में एक ऑडिट से रोगियों की स्थिति को प्रभावित किए बिना ऑक्सीजन की मांग को कम किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्यों को जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इस बैठक में कैबिनेट सचिव, प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव और वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारी, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट, फार्मास्युटिकल्स, नीति आयोग ने भाग लिया।

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