हमें गर्व है कि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों के CEO युवा भारतीय हैं : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवार्डिस के साथ चर्चा की है। उन्होंने कहा की आप सबसे बातचीत करके बहुत अच्छा लगा। आपसे आपके अनुभवों के बारे में भी जानने को मिला। कल, संस्कृति से लेकर वीरता, शिक्षा से लेकर innovation, समाज सेवा और खेल जैसे अनेक क्षेत्रों में आपकी असाधारण उपलब्धियों के लिये आपको अवार्ड मिले हैं। नौजवान साथियों, आपको आज ये जो अवार्ड मिला है, ये एक और वजह से बहुत खास है। ये वजह है- इन पुरस्कारों का अवसर! देश इस समय अपनी आज़ादी के 75 साल का पर्व मना रहा है। आपको ये अवार्ड इस महत्वपूर्ण कालखंड में मिला है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के युवा स्टार्ट-अप का दुनिया में परचम फहराने का उल्लेख करते हुये कहा कि आज हमें गर्व होता है जब हम देखते हैं कि भारत के युवा नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं और देश को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें गर्व होता है जब देखते हैं कि दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों के सीईओ युवा भारतीय हैं। आज हमें गर्व होता है जब देखते हैं कि भारत के युवा स्टार्ट अप की दुनिया में अपना परचम फहरा रहे हैं। उन्होंने बेटियों की सफलता का श्रेय उनके अभिभावकों और शिक्षकों को देते हुये कहा कि आपकी हर सफलता उनकी भी सफलता है। जिन क्षेत्रों में बेटियों को पहले इजाजत भी नहीं होती थी, बेटियां आज उनमें कमाल कर रही हैं। हिम्मत और हौसले को भारत की पहचान बताते हुये उन्होंने कहा कि नया भारत आज नया करने से पीछे नहीं रहता है।
प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का श्रेय बच्चों को देते हुये कहा कि जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही आप वोकल फॉर लोकल अभियान के लिए भी आगे आयें। उन्होंने बच्चों को सलाह दी कि वह घर में इस्तेमाल होने वाले ऐसे उत्पादों की सूची बनाएं जो भारत में नहीं बने हैं और विदेशी हैं। इसके बाद घर के लोगों से भारत में निर्मित उत्पाद खरीदने का आग्रह करें।
15 से 18 आयुवर्ग के किशोरों के कोरोना रोधी टीकाकरण में बच्चों के उत्साह की सराहना करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बच्चों ने वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी अपनी आधुनिक और वैज्ञानिक सोच का परिचय दिया है। 3 जनवरी के बाद से सिर्फ 20 दिनों में ही चार करोड़ से ज्यादा बच्चों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई है।
प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृतकाल के मद्देनजर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कारों को खास बताते हुये कहा कि देश इस समय अपनी आजादी के 75 साल का पर्व मना रहा है। उन्होंने आजादी की लड़ाई में वीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस, रानी गाइडिनिल्यू जैसे वीरों का उल्लेख करते हुये कहा कि इन सेनानियों ने छोटी सी उम्र में ही देश की आजादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था। प्रधानमंत्री ने बताया कि वह पिछले साल दीपावली पर जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में गये थे। वहां उन्होंने आजादी के बाद हुए युद्ध में बाल सैनिक की भूमिका निभाने वाले बलदेव सिंह और बसंत सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए उतनी कम उम्र में अपनी सेना की मदद की थी।
प्रधानमंत्री ने सिखों के 10वें गुरू गोबिन्द सिंह के बेटों के शौर्य और बलिदान का जिक्र करते हुये कहा कि साहिबजादों ने जब बलिदान दिया था तब उनकी उम्र बहुत कम थी। भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म के लिए उनका बलिदान अतुलनीय है। प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा के अनावरण का उल्लेख करते हुये कहा कि नेताजी से हमें कर्तव्य और राष्ट्रप्रथम की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने युवाओं को नेताजी से प्रेरणा लेकर देश के लिए अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिये वर्ष 2022 और 2021 के पीएमआरबीपी विजेताओं को डिजिटल प्रमाण पत्र प्रदान किए और पुरस्कार विजेता के खाते में डिजिटल रूप से एक लाख रुपये का नकद पुरस्कार हस्तांतरण किया।भारत सरकार नवाचार, सामाजिक सेवा,शैक्षिक योग्यता, खेल, कला एवं संस्कृति और बहादुरी जैसी छह श्रेणियों में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार प्रदान करती है। इस वर्ष, बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 29 बच्चों को पीएमआरबीपी-2022 के लिए चुना गया है। पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।