लोकतंत्र केवल शासन प्रणाली नहीं, बल्कि देश की जीवनधारा : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि लोकतंत्र केवल एक शासन प्रणाली नहीं है, बल्कि एक विचार और भावना है। लोकतंत्र की जननी होने के कारण भारत की दुनिया के प्रति अधिक जिम्मेदारी है। उन्होंने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ बुधवार को संसद टीवी का शुभारंभ किया। यह चैनल लोकसभा और राज्यसभा के चैनलों के विलय से अस्तित्व में आया है।
Speaking at the launch of Sansad TV. https://t.co/ZM9jPmEgv0
— Narendra Modi (@narendramodi) September 15, 2021
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर संसद टीवी का शुभारंभ हो रहा है। इस चैनल के माध्यम से देश के लोगों को संसद की कार्यवाही के साथ जुड़ने का मौका मिलेगा। आगे उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र केवल संविधान की धाराओं और कानूनों का संग्रह ही नहीं है, यह भारतीय जीवनधारा है। लोकतंत्र केवल संवैधानिक ढांचा नहीं, बल्कि एक भावना है।
संसद नीति-निर्धारण का मंच -
प्रधानमंत्री ने संसद की चर्चा और टेलिविजन कार्यक्रमों में विषयवस्तु को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा कि उनका अनुभव है कि जब विषयवस्तु शक्तिशाली होती है तो लोगों के साथ बेहतर तरीके से जुड़ा जा सकता है। यह बात मीडिया के साथ ही लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी लागू होती है। उन्होंने कहा कि जब संसद का सत्र चलता है और विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है तो युवाओं को बहुत कुछ सीखने समझने का मौका मिलता है। संसद केवल राजनीतिक मुद्दों पर बहस का मंच नहीं है, बल्कि यहां नीति-निर्धारण भी होता है। संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण होने के कारण सांसद भी सतर्क रहते हैं कि देश उन्हें देख रहा है। इससे सदन में बेहतर आचरण और बेहतर बहस को बढ़ावा मिलता है।
संचार और संवाद के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव -
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में संचार और संवाद के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया है। बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका में भी बदलाव आ रहा है। उन्होंने संसद टीवी को सुझाव दिया कि वे आधुनिक व्यवस्थाओं के अनुरूप स्वयं में बदलाव लायें। संसद टीवी पर स्थानीय स्तर की लोकतांत्रिक संस्थाओं जैसे पंचायत आदि पर भी कार्यक्रम बनाये जायें। ऐसे कार्यक्रम देश के लोकतंत्र को नई ऊर्जा और चेतना देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आशा व्यक्त की कि संसद टीवी देश के लोकतंत्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों की नई आवाज बनेगा।