100 साल बाद आई भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही : प्रधानमंत्री

100 साल बाद आई भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही : प्रधानमंत्री
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएम किसान सम्मान निधि की आठवीं किश्त जारी की। इसके साथ ही आज देश में 9.5 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी किसान परिवारों को 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि ट्रांसफर हो गई। इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों के साथ वर्चुअल संवाद किया।

प्रधानमंत्री ने किसानों से कहा की आज बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय में हम ये संवाद कर रहे हैं। 100 साल बाद आई इतनी भीषण महामारी कदम-कदम पर दुनिया की परीक्षा ले रही है। हमारे सामने एक अदृश्य दुश्मन है। बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियो ने सहा है,अनेको लोग जिस दर्द से गुजरे है, तकलीफ से गुजरे है वो मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं। इस कोरोना काल में भी देश के किसानों ने हमारे कृषि क्षेत्र में अपने दायित्व को निभाते हुए अन्न की रिकॉर्ड पैदावार की है।आमजनों के जीवन में पहले जैसी खुशियां वापस आये। आज अक्षय तृतिया का पावन पर्व है, कृषि के नए चक्र की शुरुआत का समय है और आज ही करीब 19 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।इसका लाभ करीब-करीब 10 करोड़ किसानों को होगा।

10% अधिक गेहूं MSP पर खरीदा -

उन्होंने कहा आज बंगाल के लाखों किसानों को पहली किस्त पहुंची है। जैसे-जैसे राज्यों से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी।अभी तक इस योजना के तहत देश के लगभग 11 करोड़ किसानों के पास करीब 1 लाख 35 हजार करोड़ रूपये पहुंच चुके हैं। इनमें से सिर्फ कोरोना काल में ही 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचे हैं।इस वर्ष, अभी तक बीते वर्ष की तुलना में लगभग 10% अधिक गेहूं MSP पर खरीदा जा चुका है। अभी तक गेहूं की खरीद का लगभग 58,000 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुका है।

किसान क्रेडिट कार्ड जारी -

सरकार की ये निरंतर कोशिश है कि छोटे और सीमांत किसानों को बैंकों से सस्ता और आसान ऋण मिले। इसके लिए बीते डेढ़ साल से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करने का अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान 2 करोड़ से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। खेती में नए समाधान, नए विकल्प देने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देना ऐसे ही प्रयास हैं। इस प्रकार की फसलों में लागत भी कम है, ये मिट्टी और इंसान के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं और इनकी कीमत भी ज्यादा मिलती है।

स्वास्थ्य कर्मी सेवा में जुटे -

देश का प्रधानसेवक होने के नाते आपकी हर भावना का मैं सहभागी हूं।कोरोना की सेकंड वेव से मुकाबले में संसाधनों से जुड़े जो भी गतिरोध थे वो तेजी से दूर किये जा रहे हैं, युद्ध स्तर पर काम करने का प्रयास हो रहा है।देश के डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मी, एंबुलेंस ड्राइवर, लैब कर्मचारी, ये सभी एक-एक जीवन को बचाने के लिए 24 घंटे जुटे हैं। आज देश में जरूरी दवाओं की आपूर्ति बढ़ाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है।

टीका अवश्य लगवाएं -

बचाव का एक बहुत बड़ा माध्यम है, कोरोना का टीका। केंद्र सरकार और सारी राज्य सरकारें मिलकर ये निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेजी से टीका लग पाए। देशभर में अभी तक करीब 18 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं।मैं राज्य सरकारों से आग्रह करूंगा कि ऐसे लोगों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। ये मानवता के खिलाफ कृत है।देशभर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। इसलिए जब भी आपकी बारी आए तो टीका जरूर लगवाएं। ये टीका हमें कोरोना के विरुद्ध सुरक्षा कवच देगा, गंभीर बीमारी की आशंका को कम करेगा। मास्क और दो गज की दूरी के मंत्र को हमें छोड़ना नहीं है।

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