मन की बात : 100 करोड़ टीकाकरण की सफलता भारत के सामर्थ्य का प्रदर्शन

मन की बात : 100 करोड़ टीकाकरण की सफलता भारत के सामर्थ्य का प्रदर्शन
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि 100 करोड़ कोरोना रोधी टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता भारत के सामार्थ्य को दिखाती है। उन्होंने कहा कि यह सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है।

प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' के 82वें संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि मैं अपने देश और यहां के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूं| मैं जानता था कि हमारे स्वास्थ्य कर्मी देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि 100 करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा बहुत बड़ा जरुर है लेकिन इससे लाखों छोटी-छोटी प्रेरक और गर्व से भर देने वाले अनेक अनुभव और उदाहरण जुड़े हुए हैं।

उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा - " मेरे प्यारे देशवासियो, आप सभी को नमस्कार। कोटि-कोटि नमस्कार। मैं कोटि-कोटि नमस्कार इसलिए भी कह रहा हूं कि 100 करोड़ vaccine dose के बाद आज देश नए उत्साह, नई ऊर्जा से आगे बढ़ रहा है।हमारे vaccine कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है।100 करोड़ vaccine dose का आंकड़ा बहुत बड़ा जरूर है।मैं अपने देश, अपने देश के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूं। मैं जानता था कि हमारे Healthcare Workers देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।लाखों Health Workers के परिश्रम की वजह से ही भारत 100 करोड़ वैक्सीन डोज का पड़ाव पार कर सका है। आज मैं हर उस भारतवासी का आभार व्यक्त करता हूं जिसने 'सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन' अभियान को इतनी ऊंचाई दी, कामयाबी दी।

उन्होंने कहा अगले रविवार, 31 अक्तूबर को, सरदार पटेल जी की जन्म जयंती है। 'मन की बात' के हर श्रोता की तरफ से, और मेरी तरफ से, मैं, लौहपुरुष को नमन करता हूँ।सरदार साहब कहते थे कि, हम अपने एकजुट उद्यम से ही देश को नई महान ऊंचाईयों तक पहुंचा सकते हैं। अगर हममें एकता नहीं हुई तो हम खुद को नई-नई विपदाओं में फंसा देंगे। यानी राष्ट्रीय एकता है तो ऊंचाई है, विकास है। हमारी आजादी का आंदोलन तो इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

हमारे यहां रंगोली के जरिए त्योहारों में रंग भरने की परंपरा तो सदियों से है। रंगोली में देश की विविधता के दर्शन होते हैं।संस्कृति मंत्रालय इससे भी जुड़ा एक National Competition करने जा रहा है।आप कल्पना करिए, जब आजादी के आंदोलन से जुड़ी रंगोली बनेगी, लोग अपने द्वार पर, दीवार पर, किसी आजादी के मतवाले का चित्र बनाएंगे, आजादी की किसी घटना को रंगों से दिखाएंगे, तो, अमृत महोत्सव का भी रंग और बढ़ जाएगा।

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