कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए योग उम्मीद की एक किरण बना : प्रधानमंत्री

कोरोना महामारी से मुकाबले के लिए योग उम्मीद की एक किरण बना : प्रधानमंत्री
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File Photo 

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है तो योग उम्मीद की एक किरण भी बना हुआ है। प्रधानमंत्री सोमवार को 7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा "जब कोरोना के अदृश्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश अपने साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना।"7वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय 'योगा फॉर वेलनेस' है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केन्द्रित है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दी मंजूरी -

उल्लेखनीय है कि दुनिया में योग को आधिकारिक मान्यता दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को पहल की थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने पहले संबोधन के दौरान योग के विषय को मजबूती से उठाते हुए कहा था कि 'योग प्राचीन भारतीय परंपरा एवं संस्कृति की अमूल्य देन है।उसी वर्ष 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों ने 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। तब 177 देशों ने सह समर्थक बनकर इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया।

2015 में पहली बार मना योग दिवस -

21 जून, 2015 को पहले सामूहिक योग दिवस के कार्यक्रम में 84 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दिन दुनिया के 192 देशों के 251 शहरों में योग के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें 46 मुस्लिम देश भी थे। उस दिन दुनिया भर में कुल मिलकर दो करोड़ लोगों ने योगासन किया।

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