BRICS विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज है : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वर्चुअल प्रारूप में 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा कि उभरती अर्थव्यवस्था की एक प्रभावकारी आवाज और इसे वैश्विक स्तर पर अधिक उपयोगी बनना जरूरी है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और अधिक परिणामदायी हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने शुरुआती उद्बोधन में कहा कि पिछले डेढ़ दशक में ब्रिक्स ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। आज हम विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावकारी आवाज हैं। विकासशील देशों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए भी यह मंच उपयोगी रहा है।
ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन -
उन्होंने बताया कि हाल ही में पहले "ब्रिक्स डिजिटल हेल्थ सम्मेलन" का आयोजन हुआ। तकनीक की मदद से स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए यह एक नवाचारी कदम है। यह भी पहली बार हुआ कि ब्रिक्स ने "बहुपक्षीय व्यवस्था की मजबूती और सुधार" पर एक साझा रुख अपनाया है। हमने ब्रिक्स "आतंकवाद विरोधी कार्य योजना" भी अपनाई है। नवंबर में हमारे जल संसाधन मंत्री ब्रिक्स फॉर्मेट में पहली बार मिलेंगे।
ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन -
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स व्यापार परिषद के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की अस्थायी अध्यक्ष डॉ संगीता रेड्डी भी इसमें शामिल है। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की थी। इसमें बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार, आतंकवाद का मुकाबला, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए डिजिटल एवं तकनीकी साधनों का इस्तेमाल और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाना शामिल है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की दूसरी बार अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2016 में गोवा में हुये ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष ब्रिक्स की भारतीय अध्यक्षता उसकी पंद्रहवीं वर्षगांठ के साथ मेल खाती है।