महिलाओं को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाना उनकी सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पहले महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ता था अब धीरे-धीरे यह स्थिति बदल रही है। प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय प्रशासन के साथ-साथ जनभागीदारी को भी दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जल जीवन मिशन के बारे में ग्राम पंचायतों तथा पानी समितियों तथा ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान उत्तर प्रदेश में पानी समिति के चेयरमैन गिरिजाकांत तिवारी, गुजरात के रमेश पटेल, उत्तराखंड से कौशल्या भट्ट, तमिलनाडु एस सुधा से बातचीत की।मोदी ने पानी की वर्तमान और पूर्व की पानी की व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि हर घर नल से जल पहुंचने के कारण महिलाओं के जीवन में क्या बदलाव आया। गांव में शौचालय को उपयोग करने की प्रवृति के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शौचालय तो बन गए होंगे लेकिन क्या सभी परिवारों में इनका उपयोग होता है।
मोदी ने कहा कि बुंदेलखंड की महिलाओं को जो समय अपने भविष्य के लिए लगाना चाहिए उसमें उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ात था। अब धीरे-धीरे यह स्थिति बदल रही है। पिछले छह-सात सालों में हमारी कोशिश है कि हम महिलाओं के सशक्त करें और उनकी गरिमा को और बढ़ायें। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना, पीएम आवास, मुद्रा लोन, महिला उद्धमियों को बढ़ावा देना और अब जल जीवन मिशन एक के बाद अनेक कार्यक्रमों की यह श्रृंखला इसी संकल्प के प्रयास है। जल जीवन मिशन आदि कार्यक्रमों की श्रृंखला इसी मिशन का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के होम स्टे में आने वालों का रिकॉर्ड रखने और उनके अनुभवों को सहेजने की भी सलाह दी। प्रधानमंत्री ने कोरोना रोधी वैक्सीन के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी होने पर ही योजनाएं सफल होती हैं। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पानी पहुंचने से आज पलायन के बजाय आज क्षेत्र में पर्यटन बढ़ रहा है।