जिस देश के युवा राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ते है, उसे कोई ताकत नहीं रोक सकती : प्रधानमंत्री
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि एनसीसी में रहते हुये उन्हें मिले परीक्षण से अपने दायित्व को निभाने में ताकत मिलती है। उन्हें गर्व है कि वे कभी एनसीसी के कैडट रहे हैं। एनसीसी कैडटों को सलाम करते हुये उन्होंने कहा कि हाल ही में वे नव गठित एनसीसी एलुमिनायी एसोसिएशन के सदस्य भी बने हैं।जैसे-जैसे देश मजबूत दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है, हम एनसीसी को और सशक्त बनाने के लिए भी कदम उठा रहे हैं।
एक उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का गठन किया गया है। पिछले 2 वर्षों में, हमने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 1 लाख नए कैडेट विकसित किए हैं।उन्होंने कहा अब देश की बेटियाँ सैनिक स्कूलों में एड्मिशन ले रही हैं। सेना में महिलाओं को बड़ी जिम्मेदारियाँ मिल रही हैं। एयरफोर्स में देश की बेटियाँ फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि एनसीसी में भी ज्यादा से ज्यादा बेटियाँ शामिल हों। आज इस समय जितने भी युवक-युवतियां NCC में हैं, NSS में हैं, उसमें से ज्यादातर इस शताब्दी में ही पैदा हुए हैं। आपको ही भारत को 2047 तक लेकर जाना है। इसलिए आपकी कोशिशें, आपके संकल्प, उन संकल्पों की सिद्धि, भारत की सिद्धि होगी, भारत की सफलता होगी।
जिस देश का युवा, राष्ट्र प्रथम की सोच के साथ आगे बढ़ने लगता है, उसे दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती। आज खेल के मैदान में, भारत की सफलता भी इसका एक बड़ा उदाहरण है।यह सुनिश्चित करना आपकी ज़िम्मेदारी है कि आपने एनसीसी में जो कुछ सीखा है, वह न केवल तब लागू होता है जब आप अपनी वर्दी में होते हैं, बल्कि समाज में भी।आप अपने क्षेत्रों में कई टीमें बना सकते हैं, इसे अपने समाजों में लागू कर सकते हैं और जमीनी स्तर पर बदलाव कर सकते हैं।
कुछ लोग हमारे समाज को कोसते हैं। लेकिन इसी समाज ने दिखा दिया कि जब बात देश की हो तो उससे बढ़कर कुछ नहीं।जब सही दिशा मिले, सही उदाहरण मिले तो हमारा देश कितना कुछ करके दिखाता है, है उसका उदाहरण है।सभी युवा, वोकल फॉर लोकल के अभियान में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।अगर भारत के युवा ठान लें कि जिस चीज के निर्माण में किसी भारतीय का श्रम लगा है, किसी भारतीय का पसीना बहा, सिर्फ वही चीज इस्तेमाल करेंगे, तो भारत का भाग्य बदल सकता है।
नशा हमारी युवा पीढ़ी को कितना बर्बाद करता है, ये आप भली-भांती जानते हैं। इसलिए जिस स्कूल-कॉलेज में एनसीसी-एनएसएस हो, वहां ड्रग्स कैसे पहुंच सकती है।आप कैडेट के तौर पर खुद ड्रग्स से मुक्त रहें, साथ ही अपने कैम्पस को ड्रग्स से मुक्त करें।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान पूर्व सेना अध्यक्ष केएम करिय्यप्पा और पंजाब के वीर सूपत लाला लाजपत राय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजली भी दी। वे राजधानी के करियप्पा ग्राउंड में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) पीएम रैली को संबोधित करते हुये अपनी बात रख रहे थे। रैली एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर का समापन समारोह है और हर वर्ष 28 जनवरी को आयोजित किया जाता है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया, एनसीसी टुकड़ियों के मार्च पास्ट की समीक्षा की और एनसीसी कैडेटों को सैन्य् कार्रवाई, स्लिदरिंग, माइक्रोलाइट विमानों में उड़ान, पैरासेलिंग के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपने उत्कृ्ष्ट् कौशल का प्रदर्शन करते हुए देखा। सर्वश्रेष्ठ कैडेटों को प्रधानमंत्री की ओर से मेडल और बैटन भी दिया गया।