प्रधानमंत्री ने देशवासियों से की अपील, कहा - यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें पर्यटक
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने अपने उत्तराखंड दौरे में चीनी सीमा से सटे माणा गाँव और बद्रीनाथ में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इससे पहले उन्होंने बाबा केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन भी किए।यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी राष्ट्र रक्षा की भी गारंटी होती है। इसलिए बीते 8 सालों से हम इस दिशा में एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रयास कर रही है कि बार्डर के गांवों में कुछ न कुछ होना चाहिए।
उन्होंने माणा गांव के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर लगाई गई स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि समूहों ने बहुत अच्छा काम किया है। पैकेजिंग वगैरह में मन प्रसन्न हो गया। प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं उसका कम से कम पांच प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इन सारे क्षेत्रों में इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, आप कल्पना भी नही कर सकते।
सीमावर्ती गांवों में विकास जीवन का उत्साह हो
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड काल में कोरोना की वैक्सीन पहाड़ों तक पहुंचाई गई। इसमें उत्तराखण्ड और हिमाचल में बेहतर काम किया गया। गरीब कल्याण योजना में उत्तराखण्ड के लाखों लोगों को लाभ मिला। डबल इंजन सरकार ने होम स्टे और स्किल डेवलपमेंट से युवाओं को जोड़ा है। पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को एनसीसी से जोड़ रहे हैं। विकास कार्यों में तेजी आई है। पर्यटन का विस्तार हो रहा है। जल जीवन मिशन से गांवों तक नल से जल पहुंचाया जा रहा है। मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये काम किया जा रहा है। सागरमाल, भारतमाला की तरह अब पर्वतमाला परियोजना पर काम होने जा रहा है। रोपवे पर बहुत बड़ा काम होने जा रहा है। बॉर्डर के गांवों में चहल पहल बढ़नी चाहिए। विकास जीवन का उत्साह होना चाहिए। जो कभी गांव छोड़कर गये है, उनका वापस लौटने का मन करे, हमें ऐसे जिंदा गांव बनाने हैं।