ITBP स्थापना दिवस : प्रधानमंत्री ने दी बधाई, इस..स्पेशल टास्क के लिए हुआ था गठन
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सभी कर्मियों को आईटीबीपी के 59वें स्थापना दिवस की बधाई दी है।प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, "अरुणाचल प्रदेश के घने जंगलों से लेकर हिमालय की बर्फीली ऊंचाइयों तक, हमारे आईटीबीपी हिमवीरों ने देश की पुकार का अत्यंत समर्पण के साथ जवाब दिया है। आपदा के समय उनका मानवीय कार्य उल्लेखनीय है। सभी आईटीबीपी कर्मियों को उनके स्थापना दिवस की बधाई।"
From dense forests in Arunachal Pradesh to the icy heights of the Himalayas, our @ITBP_official Himveers have answered the nation's call with utmost dedication. Their humanitarian work during times of disasters is noteworthy. Greetings to all ITBP personnel on their Raising Day. pic.twitter.com/nmhLRjnMOD
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2021
स्थापना -
भारत-चीन संघर्ष के बाद देश की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा के लिए 24 अक्टूबर 1962 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपीएफ) का गठन किया गया। इसकी शुरुआत चार पलटनों के एक छोटे से दल के रूप में हुई थी। जो अब 45 सेवा पलटनों और चार विशेषीकृत पलटनों बड़ा रूप ले चुका है। आईटीबीपी का मुख्य काम भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा और रखवाली करना है।
दुर्गम क्षेत्र में तैनाती -
ये सुरक्षा बल 9,000 से 18,700 फीट की ऊँचाई के बीच घटते बढ़ते 3,488 कि॰मी॰ लम्बे पर्वत क्षेत्र, शून्य से भी 45 डिग्री नीचे के पारे में चिलचिलाती सर्दीली जगहों, अथाह घाटियों, दुर्गम गड्ढों, अंधियारी नदियों, खतरनाक ग्लेशियरों, पथरीली ढालों और अदृश्य प्राकृतिक खतरों के बीच आईटीबीपी के जवान और अधिकारी अपने सेवा काल का एक बड़ा हिस्सा बिताते हैं। यह काराकोरम दर्रे (जम्मू कश्मीर में तिब्बत तक व्यापार का पुराना मार्ग) से अरुणाचल प्रदेश में दिफू ला तक विस्तृत है।
ये है उपलब्धि -
इस सेना ने 1965 में भारत पाक संघर्ष में हिस्सा लिया। दुश्मनों से लडकर इसने उन्हें युद्ध क्षेत्र से बाहर भगा दिया, पाकिस्तानी घुसपैठियों और सैनिक बलों को समाप्त करने के लिए तलाशी अभियान को अंजाम दिया और प्रमुख प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान की। 1971 के युद्ध में इसकी दो पलटनों ने श्रीनगर और पुंछ क्षेत्र में घुसपैठियों के ठिकानों के अनेक क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के विशेष कार्य को अंजाम दिया, इस अभियान के लिए इनकी काफी सराहना हुई।
आईबी की सहयोगी -
अपने दायित्व क्षेत्र में आईटीबीपी आईबी को संरक्षण प्रदान करती है। आईबी के साथ मिलकर यह सीमा पार से होने वाले अपराध और गुप्त सूचनाओं के संकलन, तस्करों और घुसपैठियों से पूछताछ और अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर संयुक्त रूप से गश्त भी करती है। संवेदनशील क्षेत्रों में आईटीबीपीएफ सेना के साथ मिलकर काम करती है। शान्ति काल में यह अपने आप को पेशेवर तौर पर और अधिक तैयार और निपुण बनाती है ताकि समय आने पर वास्तविक चुनौतियों से निपटा जा सके।