प्रधानमंत्री मोदी ने I.N.D.I.A. पर साधा निशाना, कहा - घमंडिया गठबंधन सनातन को समाप्त करना चाहता है
सागर।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सतातन धर्म के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने गुरुवार को मध्य प्रदेश के प्रवास के दौरान सागर जिले के बीना में बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) रिफाइनरी में 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पेट्रो केमिकल प्लांट के भूमिपूजन कार्यक्रम में विपक्षी दलों द्वारा मिलकर बनाए गए आईएनडीआईए गठबंधन पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने यहां सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'घमंडिया गठबंधन सनातन को समाप्त करना चाह रहा है। गांधी जी के आखिरी शब्द थे- हे राम...। वे जीवन भर सनातन के पक्ष में रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक तरफ आज का भारत दुनिया को जोड़ने का सामर्थ्य दिखा रहा है। दुनिया के मंचों पर हमारा भारत विश्वमित्र के रूप में सामने आ रहा है। वहीं, दूसरी तरफ कुछ ऐसे दल भी हैं, जो देश-समाज को विभाजित करने में जुटे हैं। इन्होंने मिलकर के एक इंडी अलायंस बनाया। इस अलायंस को कुछ लोग घमंडिया गठबंधन भी कहते हैं। इनका नेता तय नहीं है। नेतृत्व पर भ्रम है। इन्होंने पिछले दिन मुंबई में मीटिंग की। मुझे लगता है कि इस मीटिंग में उन्होंने आगे यह घमंडिया गठबंधन कैसे काम करेगा, उसकी नीति-रणनीति बना दी है। उन्होंने अपना हिडन एजेंडा तय कर लिया है। इनकी नीति है- भारत की संस्कृति पर हमला करने की। इनका निर्णय है- भारतीयों की आस्था पर हमला करो। नीयत है- भारत को जिस विचारों ने, जिन संस्कारों ने, जिन परंपराओं ने हजारों वर्ष से जोड़ा है, उसे तबाह कर दो।
उन्होंने कहा कि जिस सनातन से प्रेरित होकर देवी अहिल्याबाई ने देश के कोने-कोने में सामाजिक काम किए, ये घमंडिया गठबंधन उस सनातन संस्कार और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर के आए हैं। ये सनातन की ताकत थी कि झांसी की रानी लक्ष्मी बाई अंग्रेजों को यह कहकर ललकार पाईं कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। जिस सनातन को गांधी जी ने जीवन पर्यंत माना, जिन भगवान श्रीराम ने उन्हें जीवन भर प्रेरणा दी, उनके आखिरी शब्द थे- हे राम। जिस सनातन ने उन्हें आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया, ये इंडी गठबंधन के लोग, उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं।
मोदी ने कहा कि जिस सनातन से प्रेरित होकर स्वामी विवेकानंद ने समाज की बुराइयों के प्रति लोगों को जागरूक किया, ये उस सनातन को समाप्त करना चाहते हैं। जिस सनातन से प्रेरित होकर लोकमान्य तिलक ने मां भारती की स्वतंत्रता का बीड़ा उठाया, गणेश पूजा को स्वतंत्रता के आंदोलन से जोड़ा, सार्वजनिक गणेशोत्सव की परंपरा बनाई, आज उसी सनातन को ये इंडी गठबंधन तहस-नहस करना चाहता है।
उन्होंने कहा कि ये सनातन की ताकत थी कि स्वतंत्रता आंदोलन में फांसी पाने वाले वीर कहते थे कि अगला जन्म मुझे फिर भारत मां की गोद में देना। जो सनातन संस्कृति संत रविदास का प्रतिबिंब है, माता शबरी की पहचान है, महर्षि वाल्मीकि का आधार है, जिस सनातन ने हजारों वर्ष से भारत को जोड़े रखा है, ये लोग मिलकर अब उस सनातन को खंड-खंड करना चाहते हैं। आज इन लोगों ने खुलकर हमला शुरू कर दिया है। कल ये लोग हम पर होने वाले हमले और बढ़ाने वाले हैं। देश के कोने-कोने में हर सनानती को, इस देश को प्यार करने वाले को सतर्क रहने की जरूरत है। सनातन को मिटाकर ये देश को फिर एक हजार साल की गुलामी में धकेलना चाहते हैं। हमें मिलकर ऐसे ताकतों को रोकना है। हमारी संगठन की शक्ति से, एकजुटता से, उनके मंसूबों को नाकाम करना है।