प्रधानमंत्री ने सीडीएस रावत को दी श्रद्धांजलि, कहा - सैनिक का पूरा जीवन योद्धा की तरह होता है
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बलरामपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का उद्घाटन किया। इस परियोजना से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 6,200 से अधिक गांवों के लगभग 29 लाख किसानों को लाभ पहुंचेगा और वे अपनी कृषि क्षमता को बढ़ाने में समर्थ होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा हम ई पावन धरती कै बारंबार प्रणाम करितअ हय। आज हमें आदिशक्ति मां पाटेश्वरी के पावन धरती अउ छोटी काशी कै नाम से विख्यात बलरामपुर कै धरती पा फिर आवे कै मौका मिला। आपसे हमें खूब आशीर्वाद मिला है। क्रांतिकारियों की इस धरती ने देश की स्वतंत्रता में अपना असीम योगदान दिया। अयाेध्या में बन रहे प्रभु श्रीराम के मंदिर की जब जब बात होगी, बलरामपुर रियासत के महाराजा पाटेश्ववरी प्रसाद सिंह का उल्लेख जरूर होगा।
भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जाना हर भारतीय के लिए अपूर्णीय क्षति है। एक सैनिक सिर्फ उसी समय तक सैनिक नहीं रहता जब तक वह सेना में होता है। बल्कि उसका पूरा जीवन एक योद्धा की तरह होता है। उसकी आन-बान और शान देश की सेवा के लिए होता है। यूपी के सपूत देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जी का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी-जान लगाए हुए हैं। मैं मां पाटेश्वरी जी से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें शीघ्र स्वस्थ करें। राष्ट्र निर्मातों और राष्ट्र रक्षकों की इस धरती से मैं आज देश के उन सभी वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि देता हूं, जिनका 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया।
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी का जाना हर भारत प्रेमी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। जनरल बिपिन रावत जी जितने जांबाज थे, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जितनी मेहनत करते थे, पूरा देश उसका साक्षी है। जनरल बिपिन रावत आने वाले दिनों में अपने भारत को नए संकल्पों के साथ, वे जहां होंगे वहां से भारत को आगे बढ़ते हुए देखेंगे।भारत दुख में है लेकिन दर्द सहते हुए भी हम न अपनी गति रोकते हैं न ही हमारी प्रगति। भारत रुकेगा नहीं, भारत थमेगा नहीं। हम भारतीय मिलकर और मेहनत करेंगे, देश के भीतर और बाहर बैठी हर चुनौती का मुकाबला करेंगे। देश की सीमाओं की सुरक्षा को बढ़ाने का काम, बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम, देश की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान, तीनों सेनाओं में तालमेल बेहतर करने का काम, ऐसे अनेक काम तेजी से आगे बढ़ता रहेगा।
नदियों के जल के सदुपयोग -
देश की नदियों के जल के सदुपयोग हो, किसानों के खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचे, ये सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। आज से करीब 50 वर्ष पहले सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पर कार्य शुरू हुआ था। जब इस परियोजना पर कार्य शुरू हुआ था, तब इसकी लागत 100 करोड़ रुपये से भी कम थी। आज यह लगभग 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद परियोजना पूरी हुई है।सरयू नहर परियोजना में जितना काम 5 दशक में हो पाया था, उससे ज्यादा काम हमने 5 साल से पहले करके दिखाया है। यही डबल इंजन की सरकार है। यही डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का पूरा होना इस बात का सबूत है कि जब सोच ईमानदार होती है, तो काम भी दमदार होता है।
प्राथमिकता फीता काटना -
जब मैं आज दिल्ली से चला तो सुबह से इंतजार कर रहा था कि कब कोई आएगा, कहेगा कि मोदी जी इस योजना का फीता तो हमने काटा था, ये योजना तो हमने शुरू की थी। कुछ लोग हैं जिनकी आदत है ऐसा कहने की, हो सकता है कि बचपन में इस योजना का फीता उन्होंने ही काटा हो।कुछ लोगों की प्राथमिकता फीता काटना है।लेकिन हम लोगों की प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करना है। हर किसान के खेत तक पानी पहुंचे यही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उसका सबूत है सरयू नहर परियोजना का पूरा होना है। जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है।