प्रधानमंत्री ने मुलायम सिंह पर किया कटाक्ष, कहा- " सरकार यह कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है"
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव पर कटाक्ष करते हुये कहा कि सरकारों की भूमिका अभिभावक की तरह होती है। योग्यता होने पर बढ़ावा भी दे और गलती होने पर यह कहकर ना टाल दे कि लड़कों से गलती हो जाती है। प्रधानमंत्री मोदी ने मेरठ के सरधना में उत्तर प्रदेश के पहले खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि हमें खेलों का 'इको सिस्टम' बनाना होगा और उसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर जरूरी है। मेजर ध्यानचंद स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी इस दिशा में एक कदम है
प्रधानमंत्री ने राज्य की कानून व्यवस्था खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पलायन को लेकर सपा सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे। अब योगी जी की सरकार अपराधियों से जेल-जेल खेलती है। प्रदेश में पहले अपराधी और माफिया खेल खेलते थे, अब योगी सरकार उनके साथ जेल-जेल खेल रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि लोगों के घर जला दिए जाते थे और पहले की सरकार अपने खेल में लगी रहती थी।
पहले की सरकारों के खेल का ही नतीजा था कि लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। अब योगी जी की सरकार ऐसे अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है। पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने के बाद अपने घर से निकलने से डरती थीं। आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं।प्रधानमंत्री ने अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा पर तंज कसते हुये कहा कि प्रशिक्षण से लेकर चयन तक, 'भाई-भतीजावाद' था और कोई पारदर्शिता नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश में अब 'खेलो इंडिया' के जरिए देश के कोने-कोने में प्रतिभाशाली युवाओं की पहचान हो रही है।
प्रधानमंत्री ने केंद्र और राज्यों में खेलों की उपेक्षा को लेकर कहा कि सात दशक में 2018 में पहला खेल विश्वविद्यालय मणिपुर में उनकी सरकार द्वारा स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि पहले खेलों को पाठ्येतर गतिविधि माना जाता था लेकिन अब यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत एक विषय होगा।उन्होंने कहा कि देश में खेलों के लिए जरूरी है कि हमारे युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफ़ेशन बनाने का हौसला बढ़े। यही मेरा संकल्प भी है, और सपना भी! मैं चाहता हूँ कि जिस तरह दूसरे प्रॉफ़ेशन्स हैं, वैसे ही हमारे युवा स्पोर्ट्स को भी देखें। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है, उसमें भी खेल को प्राथमिकता दी गई है। स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है, जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो। पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा।