प्रधानमंत्री ने लांच किया 6G का दृष्टि पत्र, कहा- डिजिटल क्रान्ति में भारत सबसे आगे
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत में टेलिकॉम तकनीक केवल शक्ति पाने का साधन नहीं है बल्कि लोगों को सशक्त बनाने का एक मिशन है। आज डिजिटल तकनीक की पहुंच भारत में हर जगह है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के क्षेत्रीय कार्यालय और नवाचार केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत 6-जी पर दृष्टि पत्र का अनावरण किया व 6-जी अनुसंधान व विकास परीक्षण केंद्र का शुभारंभ किया। ये देश में नवाचार, क्षमता निर्माण और तेजी से प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए एक वातावरण को सक्षम बनाएंगे। प्रधानमंत्री ‘कॉल बिफोर यू डिग’ ऐप का भी शुभारंभ किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत डिजिटल रिवोल्यूशन के अगले चरण की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। आज 5जी रोल आउट करने के 6 महीने के अंदर हम 6जी की बात कर रहे हैं। इसमें भारत का आत्मविश्वास झलकता है। यह आत्मविश्वास अगले कुछ वर्षों में 6जी रोल आउट का आधार बनेगा।
5G रोलआउट के 6 महीने बाद ही आज हम 6G की बात कर रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) March 22, 2023
ये भारत का कॉन्फिडेंस दिखाता है। आज हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी सामने रखा है।
ये अगले कुछ वर्षों में 6G रोलआउट करने का बड़ा आधार बनेगा।
- पीएम @narendramodi pic.twitter.com/TCqXp6Q8hi
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत डिजिटल रिवोल्यूशन के अगले चरण की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। आज 5जी रोलआउट करने के 6 महीने के अंदर हम 6जी की बात कर रहे हैं। इसमें भारत का आत्मविश्वास झलकता है। यह आत्मविश्वास अगले कुछ वर्षों में 6जी रोलआउट का आधार बनेगा।उन्होंने कहा कि आज का भारत डिजिटल रिवोल्यूशन के अगले कदम की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से 5जी रोलआउट करने वाला देश है। सिर्फ 120 दिनों में ही 125 से अधिक शहरों में 5जी रोलआउट हो चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भारत दुनिया में टेलीकॉम तकनीक का बड़ा निर्यातक होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। 5जी की शक्ति की मदद से पूरी दुनिया का कार्य संस्कृति बदलने के लिए भारत कई देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
भारत के गांवों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या
प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजिकल डिवाइड को भरने के लिए आज भारत से अपेक्षा की जा रही है। इसका आधार सामर्थ्य, नवाचार संस्कृति, ढांचागत सुविधायें, कौशल और नावाचारी मानव संसाधन और लाभप्रद नीतिगत वातारण है। इसके साथ ही भारत के पास विश्वास और स्तर है जिसके जरिए कोने-कोने तक तकनीक को पहुंचा पाना संभव नहीं है।उन्होंने कहा कि अब भारत के गांवों में इंटरनेट यूजर्स की संख्या शहरों में रहने वाले इंटरनेट यूजर्स से भी अधिक हो गई है। ये इस बात का प्रमाण है कि डिजिटल पावर कैसे देश के कोने-कोने में पहुंच रही है। 2014 से पहले इंटरनेट कनेक्शन की संख्या लगभग 25 करोड़ थी और आज यह 85 करोड़ से अधिक है।
आईटीयू एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर की भी अहम भूमिका
उन्होंने कहा कि जी20 की ‘वैश्विक दक्षिण’ से जुड़ी भारत की प्राथमिकताओं में क्षेत्रीय विभाजन को कम करना भी है। भारत इस दिशा में तेजी काम कर रहा है। इसमें आईटीयू एरिया ऑफिस और इनोवेशन सेंटर की भी अहम भूमिका होगी।प्रधानमंत्री ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि नव वर्ष के पहले दिन टेलीकॉम आईसीटी और इससे जुड़े इनोवेशन को लेकर एक बहुत बड़ी शुरुआत भारत में हो रही है। उन्होंने कहा कि ये डिजिटल इंडिया को एक नई ऊर्जा देने के साथ साउथ एशिया और ग्लोबल साउथ के लिए नए समाधान और नए इनोवेशन लेकर आएगा।