सरदार पटेल से प्रेरित भारत हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में सक्षम : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल से प्रेरित भारत आज किसी भी आंतरिक या बाहरी चुनौती का सामना करने में पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने कहा कि जमीन, पानी, हवा और अंतरिक्ष सहित प्रत्येक मोर्चे पर भारत की क्षमताएं और संकल्प अब अभूतपूर्व हैं।
भारत सशक्त हो, समावेशी भी हो,
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2021
संवेदनशील हो और सतर्क भी हो,
विनम्र हो, विकसित भी हो।
सरदार पटेल ने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा।
आज उनकी प्रेरणा से भारत हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है। pic.twitter.com/pqWeKOjsot
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर एक वीडियो संदेश में कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल जिसने समर्पित करने वाले राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल सिर्फ इतिहास में ही नहीं हैं बल्कि हर देशवासी के हृदय में हैं।
आत्मा, सपनों और आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा -
उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं है बल्कि आदर्शों, संकल्पनाओं, सभ्यता-संस्कृति के उदार मानकों से परिपूर्ण राष्ट्र है। धरती के जिस भू-भाग पर हम 130 करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं, वो हमारी आत्मा, सपनों और आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि भारत सशक्त, समावेशी, संवेदनशील होने के साथ ही सतर्क, विनम्र और विकसित भी हो। उन्होंने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। आज उनकी प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले सात सालों में देश ने दशकों पुराने अवांछित कानूनों से मुक्ति पाई है। राष्ट्रीय एकता को संजोने वाले आदर्शों को नई ऊंचाई दी है।जम्मू कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट और हिमालय के गांव तक आज सभी प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं।
आजादी के इस अमृतकाल -
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था उससे कहीं अधिक आजादी के इस अमृतकाल में होने वाला है। आजादी का ये अमृतकाल विकास की अभूतपूर्व गति और कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है।उन्होंने कहा कि सरदार साहब हमारे देश को एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसलिए, उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो। उन्होंने आगे कहा, आज से कई दशक पहले, उस दौर में भी, उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी। आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए - एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अवसर हों।
सबका प्रयास -
प्रधानमंत्री ने 'सबका प्रयास' के उदाहरण के रूप में कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई का हवाला देते हुए कहा कि जब सबका प्रयास होता है तो उससे क्या परिणाम आते हैं यह हमने कोरोना के विरुद्ध देश की लड़ाई में भी देखा है।सरदार पटेल का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के बीच एकता पर जोर देते हुए कहा कि केवल एक संयुक्त देश ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा, "सरकार के साथ-साथ समाज की गतिशक्ति भी जुड़ जाए तो, बड़े से बड़े संकल्पों की सिद्धि कठिन नहीं है। इसलिए आज जरूरी है कि जब भी हम कोई काम करें तो ये जरूर सोचें कि उसका हमारे व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्यों पर क्या असर पड़ेगा।"