बाबा बैद्यनाथ की नगरी में मोदी का रोड शो, पूजन करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री
देवघर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पहले राजनेता बन गए, जिन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देवघर में 12 ज्योतिर्लिंगों में नौवां ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ की पूरे वैदिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना की।मंगलवार को रोड शो के बाद प्रधानमंत्री बाबा मंदिर पहुंचे। देवघर मंदिर के प्रमुख पंडा ने प्रधानमंत्री को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा करायी। प्रधानमंत्री ने देवघर के मनोकामना लिंग पर जलार्पण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवघर एयरपोर्ट समेत विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके के बाद करीब 11 किलोमीटर रोड शो करते हुए बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना की। रोड शो में मोदी का जलवा देखते ही बन रहा था। मानो पूरा झारखंड ही अपने प्रधानमंत्री के स्वागत में उमड़ पड़ा हो। एक घंटे से अधिक चले इस रोड शो में हर-हर महादेव का नारा पूरी नगरी में गूंजता रहा। रोड शो में लोगों की भीड़ और उत्साह से प्रधानमंत्री गदगद दिखे।
शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा पहले की सरकारों में योजनाओं की घोषणा होती थी, फिर एक दो सरकार जाने के बाद एक-दो पत्थर लगा कर जाता था। पत्थर लटकता रहता था, दो-चार सरकारें चलने के बाद काई और आता, फिर वो ईंट लगाता था, पता नहीं कितनी सरकारें जाने के बाद वो योजना सामने दिखती थी।आज हम उस कार्य संस्कृति को लाए हैं, उस राजनीतिक संस्कृति को लाए हैं, उस गवर्नेंस के मॉडल को लाए हैं कि जिसका शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम करते हैं।
भारत आस्था, अध्यात्म और तीर्थस्थलों की धरती
भारत आस्था, अध्यात्म और तीर्थस्थलों की धरती है। तीर्थयात्राओं ने हमें, बेहतर समाज और बेहतर राष्ट्र के रूप में गढ़ा है। हम देवघर को ही देखें तो यहां शिव और शक्ति भी है। ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ यहां दोनों मौजूद हैं। बाबा वैद्यनाथ धाम हो, काशी विश्वनाथ धाम हो, केदारनाथ धाम हो, अयोध्या धाम हो, रामायण सर्किट हो, भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थान हों, देश में आस्था, अध्यात्म और ऐतिहासिक महत्व से जुड़े हर स्थान में आधुनिक सुविधाएं तैयार की जा रही हैं।
रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम
आज पर्यटन दुनिया के अनेक देशों में एक आकर्षक उद्योग के रूप में रोजगार का बहुत बड़ा माध्यम बना हुआ है। आज पूरी दुनिया में अनेक देश हैं, जिनकी पूरी अर्थव्यवस्था सिर्फ और सिर्फ पर्यटकों के भरोसे चल रही है।भारत के कोने-कोने में पर्यटन की शक्ति अपार है, बहुत सामर्थ्य पड़ा हुआ है, हमें इसे बढ़ाने की जरूरत है।आज ये समय की मांग है कि भारत अपनी विरासत को ज्यादा से ज्यादा और तेजी के साथ संरक्षित करे, वहां आधुनिक सुविधाएं बढ़ाए। हम ये पूरे देश में देख रहे हैं कि बीते वर्षों में जिन भी तीर्थ स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा गया, वहां यात्रियों, पर्यटकों की संख्या अनेक गुना बढ़ गई है।जबसे काशी में विकास ने गति पकड़ी है, काशी विश्वनाथ परिसर का सौन्दर्यकरण हुआ है, बनारस आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। तीन साल पहले की तुलना में इस साल वाराणसी में अभी तक 3 गुना अधिक यात्री आए हैं।