ओलंपिक खिलाडियों ने प्रधानमंत्री के साथ शेयर किए अनुभव, बढ़ाया हौसला
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों से चर्चा के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को ट्वीट कर फोटो तथा वीडियो साझा करते हुए लिखा , " हमारे ओलंपिक नायकों के साथ यादगार बातचीत ।" उन्होंने लिखा - " आइसक्रीम और चूरमा से लेकर अच्छे स्वास्थ्य तथा फिटनेस के साथ साथ प्रेरणादायी कहानियों और खुशी के क्षणों पर बातचीत। सात लोक कल्याण मार्ग पर नाश्ते के दौरान मेरी टोक्यो ओलंपिक दल के खिलाड़ियों के साथ बातचीत देखिये । "
इन फोटोज और वीडियोज में प्रधानमंत्री हल्के-फुल्के अंदाज में खिलाड़ियों से बातचीत करते नजर आए। उन्होंने खिलाडियों का हौसला बढ़ाने के साथ उनके अनुभवों का फीडबैक भी मांगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की सराहना करते हुए कहा कि सफलता एथलीट के सर नहीं चढ़ती।नीरज के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री ने स्टार एथलीट की सराहना की और कहा, "जब आपने अपना दूसरा प्रयास फेंका, तो आपने तुरंत जश्न मनाया, यह केवल बहुत आत्मविश्वास के बल पर आ सकता है।"
इस पर नीरज ने जवाब दिया, ''सर कॉन्फिडेंस ट्रेनिंग से आता है, मेरी ट्रेनिंग अच्छी थी इसलिए मैं दूसरी बार भाला फेंकते ही कॉन्फिडेंट हो गया था।नीरज ने कहा, "हमारा खेल हमारे विरोधियों पर भी निर्भर करता है लेकिन हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा। हमें खुद पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने नीरज की सराहना करते हुए कहा, 'मैंने देखा है कि सफलता आपके सिर पर नहीं चढ़ती और नुकसान आपके दिमाग में नहीं रहत।
श्रीजेश को बताया दीवार -
प्रधानमंत्री ने हॉकी खिलाड़ियों से बातचीत में कहा,"भारत ओलंपिक में चाहें जितने पदक जीत ले,लेकिन यदि हॉकी में पदक नहीं मिलता तो देश को महसूस ही नहीं होता की हमें जीत मिली है। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला और पुरूष दोनों टीमों ने अच्छा खेल दिखाया। आपने हॉकी में पदक लाकर मेजर ध्यानचंद को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि दी है। इसी को देखते हुए मैनें राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद के नाम से कर दिया,क्योंकि मैं हॉकी को सम्मानित करना चाहता था। प्रधानमंत्री ने गोलकीपर श्रीजेश की तारीफ करते हुए उन्हे "दीवार" करार दिया। उन्होंने श्रीजेश से के साथ बात की और कहा कि उन्होंने एक दीवार के रूप में प्रतिष्ठा पाई है।"
रवि दहिया के प्रयास को सराहा -
कार्यक्रम के दौरान दहिया के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे पहलवान ने अंतिम कुछ सेकंड के दौरान खेल को अपने पक्ष में कर लिया। प्रधानमंत्री ने दहिया से पूछा कि जब वह उसे काट रहा था तो उसने अपने प्रतिद्वंद्वी को क्यों नहीं छोड़ा। इस पर दहिया ने जवाब दिया, "अगर मैं उसे छोड़ देता तो शायद वह मुकाबला जीत जाता।" प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या कोई कार्रवाई की गई लेकिन दहिया ने कहा कि खून के निशान होते हैं तो ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी ने दहिया से यह भी पूछा कि वह पोडियम पर रहते हुए क्यों नहीं मुस्कुराए।दहिया ने कहा, "मैं दबाव में नहीं था लेकिन मैं स्वर्ण पदक जीतने के उद्देश्य से टोक्यो गया था।"
बजरंग पुनिया की पीठ थपथपाई -
वहीं, बजरंग पुनिया ने कजाकिस्तान के दौलेट नियाजबेकोव को हराकर कांस्य पदक जीता। टोक्यो ओलंपिक में अपने अच्छे प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान बजरंग को पीठ पर थपथपाया। प्रधानमंत्री ने चोट से लड़ने के लिए बजरंग की भी सराहना की। बजरंग ने कहा, "मैंने डॉक्टरों से कहा कि पदक मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं यहां स्वर्ण के लिए आया हूं। मैंने स्वर्ण नहीं जीता लेकिन पेरिस 2024 ओलंपिक में इसकी भरपाई जरूर करूंगा।"