प्रधानमंत्री के निशाने पर सपा, कहा - उनके सिलेबस में है माफियावाद, परिवारवाद और घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा करना

प्रधानमंत्री के निशाने पर सपा, कहा - उनके सिलेबस में है माफियावाद, परिवारवाद और घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा करना
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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के किसानों से प्राकृतिक खेती करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा।

प्रधानमंत्री आज अपने संसदीय क्षेत्र करखियांव में 2100 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने के बाद जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती आज समय की मांग हो गई है। उन्होंने कहा कि मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास के कई कारण भी हैं। पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है।

प्रधानमंत्री ने दूसरा कारण बताया कि भारत के डेयरी उत्पाद के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं। तीसरा कारण उन्होंने बताया कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। चौथा हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के लिए एकीकृत व्यवस्था जारी की है। सर्टिफिकेशन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला एकीकृत लोगो भी लोकार्पित किया गया है। ये लोगो दिखेगा तो शुद्धता की पहचान आसान होगी और भारत के दूध उत्पादों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विरोधी दलों का नाम न लेते हुए कहा कि मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मज़हब के चश्मे से ही देखा। इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने।

प्रधानमंत्री ने दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है। उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा।

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