प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर रवाना, जानिए भारत के लिए क्यों खास है ये...दौरा
नईदिल्ली/वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अमेरिका की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हो गए। वह वापसी में मिस्र की दो दिवसीय यात्रा करेंगे।विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा रक्षा सहयोग, वाणिज्य और निवेश के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस दौरान रक्षा उद्योग सहयोग का खाका तैयार हो सकता है।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर व्यापक और गहन चर्चा होगी। भारत और अमेरिका के बीच तकनीकी साझेदारी बहुत समृद्ध है और हम कम्पयूटर चिप्स और अन्य महत्वपूर्ण तकनीकों पर पर्याप्त प्रगति करना चाहते हैं।
बाइडन दंपति देगा डिनर -
विदेश मंत्रालय के अनुसार अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बिडेन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा करेंगे। यह यात्रा न्यूयॉर्क में शुरू होगी, जहां प्रधानमंत्री 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे।इसके बाद प्रधानमंत्री वाशिंगटन डीसी की यात्रा करेंगे, जहां 22 जून को व्हाइट हाउस में उनका औपचारिक स्वागत किया जाएगा और वे उच्चस्तरीय संवाद जारी रखने के क्रम में राष्ट्रपति बिडेन से मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति बिडेन और प्रथम महिला डॉ. जिल बिडेन उसी शाम प्रधानमंत्री के सम्मान में राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे।
21 तोपों की सलामी - अमेरिकी संसद को करेंगे संबोधित -
प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैकार्थी और सीनेट के अध्यक्ष चार्ल्स शूमर सहित कांग्रेस के नेताओं के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री 22 जून को अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। इससे पहले आयोजित होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को व्हाइट हाउस में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। अगले दिन 23 जून को प्रधानमंत्री के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन संयुक्त रूप से दोपहर के भोजन की मेजबानी करेंगे। आधिकारिक व्यस्तताओं के अलावा प्रधानमंत्री का प्रमुख सीईओ, पेशेवरों और अन्य हितधारकों के साथ कई क्यूरेटेड इंटरेक्शन का कार्यक्रम है। वह प्रवासी भारतीयों से भी मिलेंगे।
सबसे बड़ी रक्षा डील -
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी रक्षा डील होनी है। जिससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए और उन्होंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। जेक सुलिवन को इस मेगा डिफेंस डील का सूत्रधार माना जाता है। उनके साथ मिलकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल जनवरी के बाद जबरदस्त काम किया।
इस डिल के तहत अमेरिका अपने GE F414 लड़ाकू विमान के इंजन के निर्माण को भारत में करने पर राजी होगा।इसके लिए अमेरिका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमत हो गया है। इस इंजन के मिलने से भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-2 के उत्पादन में तेजी आएगी। जोकि चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा की दृष्टि से काफी अहम है।
अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को मिलेंगे -
अमेरिका इस डील के तहत अपने सबसे खतरनाक हथियार प्रीडेटर ड्रोन भारत को देगा। अमेरिका इस हथियार का उपयोग तालिबान और आईएसआईएस के खिलाफ कर चुका। इसी ड्रोन की मदद से अमेरिका ने ओसमा बिन लादेन के ठिकाने की जानकारी निकली थी। भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत है। यह 1200 किमी की दूरी तक मार कर सकता है एवं 1900 किमी तक निगरानी रख सकता है। पीएम मोदी के दौरे पर इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है।
मिस्र की यात्रा -
प्रधानमंत्री बाद में 24-25 जून तक मिस्र की यात्रा पर रहेंगे। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इसी साल जनवरी में प्रधानमंत्री को काहिरा आने का निमंत्रण दिया था। यह प्रधानमंत्री की मिस्र की पहली यात्रा होगी। राष्ट्रपति सिसी के साथ अपनी बातचीत के अलावा प्रधानमंत्री के मिस्र सरकार के वरिष्ठ गण्यमान्य व्यक्तियों, मिस्र की कुछ प्रमुख हस्तियों के साथ-साथ वहां रह रहे भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी कर सकते हैं।