कोरोना के चलते तीन मई तक बढ़ा लॉकडाउन, 20 अप्रैल से सीमित क्षेत्रों में छूट

नई दिल्ली। 21 दिन के ऑल इंडिया कोरोना लॉकडाउन के आखिरी दिन मंगलवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन शुरू किया। यहां पीएम मोदी मास्क की जगह आम तौर पर प्रयोग होने वाला गमछा लगाकर शुरू किया। सबसे पहले अंबेडकर जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। पीएम मोदी ने कोरोना को लेकर देश के प्रयासों पर बात की कि किस तरह भारत ने समय रहते इससे बचाव शुरू कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है। उन्होंने 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी है।

उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में सशर्त अनुमति दी जा सकती है। जिन इलाकों में कोरोना के केस नहीं बढ़ेंगे और हॉट स्पॉट बनने की आशंका नहीं होगी। उन्हीं इलाकों में 20 अप्रैल से सशर्त छूट मिलेगी। इस बार में कल सरकार विस्तृत गाइडलाइंस जारी करेगी।

पीएम मोदी के इस भाषण में उनके गमछा मास्क ने लोगों का खूब ध्यान खींचा। बता दें कि यूपी सरकार के आदेश ने हाल में मास्क को लेकर गरीबों की टेंशन भी खत्म कर दी है। कहा गया कि उनका गमछा ही मास्क का काम करेगा। योगी सरकार ने कहा है कि जिनके पास मास्क नहीं है, वे गमछा से भी खुद को कोरोना से बचा सकते हैं।

उन्होंने सुबह 10 बजे से जारी राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि कई राज्य पहले ही लॉकडाउन पर फैसला कर चुके हैं। अब भारत में लॉकडाउन को तीन मई तक और बढ़ाना पड़ेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि 20 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में सशर्त अनुमति दी जा सकती है। जिन इलाकों में कोरोना के केस नहीं बढ़ेंगे और हॉट स्पॉट बनने की आशंका नहीं होगी। उन्हीं इलाकों में 20 अप्रैल से सशर्त छूट मिलेगी। इस बार में कल सरकार विस्तृत गाइडलाइंस जारी करेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।

दरअसल, बीते 11 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान एक दर्जन से अधिक राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को दो सप्ताह तक बढ़ाने की मांग की थी। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने विचार करने की बात कही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा था कि तीन हफ्ते पहले हमने जान है तो जहान का संदेश दिया था। इस बार जान और जहान दोनों की चिंता करनी जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर सोमवार से मंत्रालयों में फिर से मंत्री और उच्चस्तरीय अफसर बैठने लगे हैं।

इससे पहले तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक विस्तार देने की आधिकारिक घोषणा की थी। इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है उसने दुनियाभर में सरकारों और हेल्थ एक्सपर्टों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब आगे कैसे बढ़े, हम विजयी कैसे हों, हमारा नुकसान कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो, इन बातों को लेकर राज्यों के साथ मैंने निरंतर चर्चाएं की हैं। सबका यही सुझाव यही आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए। कई राज्यों ने पहले ही लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा, यानी 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है जैसे हम करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना वायरस को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट (Hotspots) को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा।

पीएम मोदी ने कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, न खुद कोई लापरवाही करनी है और न ही किसी और को लापरवाही करने देना है। कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, वो मेरा परिवार हैं। मेरी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में एक इनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है। अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो।

उन्होंने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जहां जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए सिर्फ एक लैब थी, वहीं अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है। भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।

देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई काफी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है। हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने-जाने की परेशानी, तो कोई घर-परिवार से दूर है, लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सबको आदरपूर्वक नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, आज पूरे विश्व में कोरोना की जो स्थिति है, हम सब उससे परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी। जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले विदेश से आए हर यात्रियों के लिए भारत ने 14 दिनों का आइसोलेशन शुरू कर दिया था। मॉल, जिम आदि को बंद कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि जब हमारे यहां कोरोना के 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण भारत के लॉकडाउन का एक अहम और बड़ा कदम उठा लिया। हमने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही दिखी उसी समय उसे रोकने का प्रयास किया।

पीएम मोदी ने कहा हा कि वैसे यह ऐसा संकट है, जिसमें किसी भी देश के साथ उचित नहीं है। मगर फिर भी कुछ सच्चाइयों को नकार नहीं सकते। ये भी एक सच्चाई है कि दुनिया के सामर्थ्यवान देशों की तुलना करें तो भारत आज बहुत ही संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में एक तरह से भारत के बराबर खड़े थे। आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के केस 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। भारत ने सही अप्रोच नहीं दिखाया होता और सही फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं। मगर बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है।

उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का लाभ देश को मिला है। सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, मगर भारतवासी की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनियाभर में हो रही है।

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