प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ की बैठक में लिया भाग, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भारत - यूरोपियन संघ की शिखर वार्ता में शामिल हुए। इस बैठक में 27 देशों के राष्ट्रध्यक्षों या शासनाध्यक्षों ने भाग लिया। बैठक में कोरोना माहमारी, स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के विशेष आमंत्रण पर बैठक में शामिल हुए। ये बैठक पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा द्वारा आयोजित की गई है।
शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन सहित विभिन्न यूरोपीय नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया। वार्ता के दौरान पुणे में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 15 करोड़ यूरो की वित्तीय सहायता संबंधी अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिखर वार्ता को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दोनों पक्ष ने व्यापार, निवेश संरक्षण, पेटेंट संबंधी भौगोलिक पहचान आदि के विषय में विचार विमर्श जारी रखने का फैसला किया।जयशंकर ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ मुक्त, समावेशी और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के समर्थक हैं। क्षेत्र में नौवाहन संबंध में संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून और नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
कोरोना महामारी के संबंध में भारत और यूरोपीय संघ ने विश्वसनीय आपूर्ति प्रणाली बनाए रखने का पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन जैव विविधता के संरक्षण और प्रदूषण विरोधी उपायों पर भी चर्चा की। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने के लिए सहमत हुए हैं। इसके साथ ही निवेश संरक्षण और भौगोलिक पहचान समझी समझौते पर भी विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा। शिखर वार्ता को सामयिक बताते हुए उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में यूरोपीय संघ भारत के साथ खड़ा है। हिंदी शब्दावली बीएक साथ का प्रयोग करते हुए कहा कि हम दोनों मिलकर बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।