केमिकल मुक्त खेती धरती को बंजर होने से बचाने का बड़ा तरीका है : प्रधानमंत्री
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये प्राकृतिक खेती को एक सशक्त माध्यम बताते हुये कहा कि सरकार ने पिछले सात सालों से इस दिशा में अनेक कदम उठाये हैं। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की 10वीं किस्त जारी करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एफपीओ के लाभार्थियों से बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने जानना चाहा कि एफपीओ अपने लिये जैव उर्वरक की उपलब्धता कैसे सुनिश्चित करते है। प्रधानमंत्री ने पराली प्रबंधन की जानकारी भी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया।प्रधानमंत्री ने नेचुरल फार्मिंग पर उत्तराखंड के लाभार्थी किसान जसबीर सिंह से बातचीत करते हुये उनके प्राकृतिक खेती के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में हमारी कोशिश रही है कि हम प्राकृतिक खेती और आर्गेनिक खेती को कैसे बढ़ावा दे सकें। इसके लिये कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके कई फायदे हैं जैसे किसान की लागत कम होती है और आय बढ़ती है। वहीं मिट्टी को रासायनिक खाद और पेस्टीसाइड से मुक्ति मिलती है। आप अपने अनुभवों को ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंचाईये।
प्रधानमंत्री ने पंजाब के प्रगतिशील किसान रविंदर सिंह से जाना कि कैसे उन्होंने पराली को लेकर जागरुकता फैलाई। प्रधानमंत्री ने किसानों को प्रेरित कर पराली जलाने से रोकने के एफपीओ के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि यह किसान और पर्यावरण दोनों के लिये लाभदायक है। पराली के वैकल्पिक उपयोग से पर्यावरण को लाभ होता है साथ ही किसान आर्थिक रूप से सशक्त होता है।