प्रधानमंत्री ने 35 फसलों की किस्में राष्ट्र को दी, कहा- छोटे किसानों को होगा लाभ

प्रधानमंत्री ने 35 फसलों की किस्में राष्ट्र को दी, कहा- छोटे किसानों को होगा लाभ
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नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को जलवायु परिवर्तन और कुपोषण को दूर करने के लिए विशेष गुणों वाली 35 फसलों की किस्में राष्ट्र को समर्पित की। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विशेष लक्षणों वाली फसल की किस्मों को विकसित किया गया है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान रायपुर का नवनिर्मित परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में नवीन तरीकों का उपयोग करने वाले किसानों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा की कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आज इसी से जुड़ा एक और अहम कदम उठाया जा रहा है। देश के आधुनिक सोच वाले किसानों को समर्पित किया जा रहा है। छोटे-छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव की आशा का साथ ये सौगात में आज कोटि-कोटि किसानों के चरणों में समर्पित कर रहा हूं।

किसानों और वैज्ञानिकों का गठबंधन -

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन को पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि जब विज्ञान, सरकार और समाज मिलकर काम करेंगे तो नतीजे बेहतर आएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठबंधन देश को नई चुनौतियों से निपटने में मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण नये प्रकार के कीट, नये बीमारियां, महामारियां सामने आ रही हैं, जिससे मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर बड़ा खतरा उत्पन्न हो रहा है तथा फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। इन पहलुओं पर गहन निरंतर शोध आवश्यक है।

बाजरा के लिए टास्क फ़ोर्स -

मोदी ने राज्यों से कहा कि वह भारतीय बाजरा को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने के लिए टास्क फोर्स गठित करें। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत काल में आधुनिक कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को हर गांव तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि मिडिल स्कूल स्तर तक कृषि से जुड़ी रिसर्च और टेक्नोलॉजी स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बने इसके लिए प्रयास होने चाहिए।

सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान -

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि जब भी किसानों और कृषि को सुरक्षा कवच मिलता है तो उनका विकास तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि भूमि की सुरक्षा के लिए 11 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने सरकार की किसान हितैषी पहलों को गिनाते हुए कहा कि किसानों को पानी की सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगभग 100 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया गया। किसानों को फसलों को बीमारियों से बचाने और अधिक उपज के लिए नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराए गए।

MSP में सुधार -

उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के साथ-साथ खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया गया ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है और किसानों को 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। महामारी के दौरान गेहूं खरीद केंद्रों को तीन गुना से अधिक बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को तकनीक से जोड़कर हमने उनके लिए बैंकों से मदद लेना आसान बना दिया है। आज किसानों को मौसम की जानकारी बेहतर तरीके से मिल रही है। हाल ही में 2 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राचीन कृषि परंपराओं के साथ-साथ भविष्य की ओर बढ़ना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और खेती के नए उपकरण भविष्य की खेती के मूल में हैं। उन्होंने कहा आधुनिक कृषि मशीनों और उपकरणों को बढ़ावा देने के प्रयास आज परिणाम दिखा रहे हैं।

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