जोशीमठ भू धंसाव पर पीएमओ ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, बढ़ रहा जमींदोज होने का खतरा

जोशीमठ भू धंसाव पर पीएमओ ने बुलाई हाई लेवल मीटिंग, बढ़ रहा जमींदोज होने का खतरा
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नईदिल्ली। उत्तराखंड में जोशीमठ आपदा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ पी के मिश्रा आज (रविवार) पीएमओ में कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार जोशीमठ के जिला पदाधिकारी के साथ-साथ राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में शामिल होंगे।

भारत-चीन सीमा से सटे जोशीमठ में हो रही भूगर्भीय हलचल से लोग दहशत में हैं। जोशीमठ के औली-सुनील से मारवाड़ी और परसारी से खोंन-होसी तक की आबादी पर खतरा मंडराने लगा है।जोशीमठ में ऐसा कोई घर बाकी नहीं है, जिस पर दरारें न आई हों। जमीन लगातार फट रही है। दीवारों पर दरारें पड़ रही हैं। फर्श के नीचे पानी भर गया है।

जमीन धंसने की शुरुआत पिछले साल जुलाई में सुनील वार्ड, गांधी नगर वार्ड और रविग्राम के कोठलागढ़ में हुई थी। तब कई परिवार पलायन कर गए थे। फिर वैज्ञानिकों की टीम पहुंची। सर्वेक्षण भी हुआ। शासन को रिपोर्ट भेजी गई। फाइल देखने की भी जहमत नहीं उठाई गई। और दिसंबर आते-आते मनोहर बाग वार्ड में जमीन धंसी तो हल्ला मचना शुरू हुआ। नया वर्ष आते-आते सिंहधार से लेकर मारवाड़ी वार्ड इस आफत से घिर गए।मनोहर बाग वार्ड के करीब 80 घरों के जमींदोज होने का खतरा बढ़ गया है। घरों के आसपास खेत फटने लगने लगे हैं। हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लोग रतजगा करने को विवश हैं। सरकारी और प्रशासन के कानों में जूं न रेंगने पर लोगों का गुस्सा सड़क पर फूटा। चक्का जाम और बंद के बाद सरकार और अधिकारी हरकत में आए। गढ़वाल कमिश्नर और आपदा प्रबंधन सचिव दौड़े-दौड़े आए। तब राहत-बचाव कार्य शुरू हुए। जिला प्रशासन ने आपदा अधिनियम के मद्देनजर एनटीपीसी की परियोजना, हेलंग-मारवाड़ी बाइपास एवं जोशीमठ में निर्माण कार्यों को प्रतिबंधित कर करीब 1271 लोगों के रहने के लिए सरकारी और गैरसरकारी भवनों को अधिग्रहित किया।

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