कोटा के स्टूडेंट पर बन गया पॉलिटिकल हॉटस्पॉट, 3 CM में रार
कोटा/जयपुर। राजस्थान की कोचिंग सिटी कोटा के दो काेरोना हॉटस्पॉट में अब तक 97 लोगों में कोविड-19 संक्रमण फैल चुका है और लॉकडाउन के चलते यहां इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने आए हजारों स्टूडेंटस यहीं अटक गए हैं। पिछले 24 घंटे में 1 एक स्टूडेंट समेत 12 लोगों को यहां कोरोना की पुष्टि होने के बाद देशभर में अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है। लेकिन कोरोना से जंग के बीच अब कोटा पॉलिटिकल हॉटस्पॉट बनता जा रहा है। करीब 35 हजार छात्रों की घर वापसी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कड़वाहट पैदा हो गई है। गहलोत और योगी के बीच एक दिन पहले हुई वार्ता के बाद नीतीश कुमार ने स्टूडेंट्स की घर वापसी को लॉकडाउन का मखौल उड़ाने वाला करार दिया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भी कोटा बस भेजेंगे तो उन्होंने साफ शब्दों में कहना था कि यह लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है। बस भेजने का फैसला पूरी तरह से लॉकडान के सिद्धांतों को धता बताने वाला है। उधर, सीएम गहलोत ने कहा है कि कोटा में छात्रों को संबंधित राज्य सरकार की सहमति पर उनके गृह राज्यों में भेजा जा सकता है। जैसा कि यूपी सरकार ने कोटा में रहने वाले छात्रों को वापस बुलाया है वैसे ही अन्य राज्य भी अपने यहां के छात्रों को बुला सकते हैं।
कोटा में 6 अप्रैल को पहला केस आया था। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच 2 लोगों की मौत, एक अस्पताल के एंबुलेंस ड्राइवर और अब एक कोचिंग छात्र को कोरोना की पुष्टि के बाद देशभर में कोटा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। पॉजिटिव मिला छात्र कोटा से 13 अप्रैल को अपने घर भरतपुर पहुंचा था। रिपोर्ट पॉजिटिव आने बाद कोटा में उसके हॉस्टल के कमरे को सील कर दिया गया है। शनिवार सुबह तक कोटा में 97 कोरोना रोगियों की पुष्टि हो चुकी है और यहां पढ़ाई के लिए रुके हुए देश के विभिन्न राज्यों के करीब 35000 स्टूडेंट्स परिवार चिंताग्रस्त हैं।
कोटा में कोचिंग के लिए आने वाले और लॉकडाउन में फंसे हुए स्टूडेंटस में सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश के रहने वालों की है। यूपी के करीब 7500 स्टूडेंट वर्तमान मेें कोटा में रह रहे हैं। दूसरे नंबर पर बिहार के स्टूडेंट़स है, इनकी संख्या करीब 6500 बताई जा रही है। इनके अतिरिक्त एमपी के 4000, झारखंड के 3000, हरियाणा के 2000, महाराष्ट्र के 2000, नार्थ ईस्ट के 1000 और पश्चिम बंगाल के लगभग 1000 स्टूडेंट्स लॉकडाउन के दौरान कोटा में अटके हुए हैं। इन राज्यों के हजारों परिवारों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। जानकारी के अनुसार इन स्टूडेंट्स में 13-14 हजार लड़कियां भी शामिल हैं।
कोटा में अधिकांश स्टूडेंट्स कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के हॉस्टल और पीजी में रहते हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही आसपास के स्टूडेंट्स यहां से घर लौट चुके हैं और यह सिलसिला अब भी जारी है। ऐसे में अन्य राज्यों के स्टूडेंट के बीच खाने-पीने से अधिक समस्या अकेलेपन और तनाव की पैदा हो गई है। हॉटल्स के कई प्लोर पर एक-एक स्टूडेंट रहने को मजबूर है, उनके पास-पड़ौस के दोस्त घर लौट चुके हैं और अब उन्हें उनकी कमी खल रही है। हालांकि कुछ स्टूडेंट्स ग्रुप्स में स्टडी कर इस लॉकडाउन का फायदा उठा रहे हैं लेकिन अधिकांश इलाकों में अकेले या पीजी में रह रहे लड़के-लड़कियों के लिए यह तनावभरा दौर है।