राष्ट्र्पति कोविंद पहुंचे तुर्कमेनिस्तान, आपदा प्रबंधन समेत चार समझौतों पर किए हस्ताक्षर
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नईदिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि ईरान में बने चाबहार पोर्ट से भारत और मध्य एशिया के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। तुर्कमेनिस्तान की यात्रा पर गए राष्ट्रपति कोविंद ने अपने समकक्ष सेर्डर बर्दीमुहामेदोव के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की।
तुर्कमेनिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रेस वक्तव्य में कहा कि किसी भी व्यापारिक व्यवस्था के लिए संपर्क सुविधा महत्वपूर्ण होती है। इस दिशा में, हमने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारे पर अश्गाबात समझौते के महत्व को रेखांकित किया है। उन्होंने बताया कि ईरान में भारत द्वारा निर्मित चाबहार बंदरगाह का उपयोग भारत और मध्य एशिया के बीच व्यापार में सुधार के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष चर्चा हुई। तापी पाइपलाइन को लेकर उन्होंने सुझाव दिया कि तकनीकी और विशेषज्ञ स्तर की बैठकों में पाइपलाइन की सुरक्षा और प्रमुख व्यावसायिक सिद्धांतों से संबंधित मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है।इस दौरान तुर्कमेनिस्तान और भारत के बीच वित्तीय निगरानी सेवा और वित्तीय खुफिया इकाई, आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग, 2022-2025 की अवधि के लिए संस्कृति और कला के क्षेत्र में सहयोग, युवा मामलों में सहयोग से जुड़े समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
राष्ट्रपति ने कहा कि तुर्कमेनिस्तान भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन ढांचे में एक महत्वपूर्ण भागीदार है, जिसकी पहली मेजबानी भारत ने इस साल जनवरी में की थी। हम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन से निकलने वाली रूपरेखा के तहत सहयोग को और बढ़ाने पर सहमत हुए।
वक्तव्य में कहा कि हमारे देश सदियों पुरानी सभ्यता और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं। बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने एक दूसरे के क्षेत्र में नियमित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया।इससे पहले राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को शुक्रवार को यहां पहुंचने पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने तुर्कमेनिस्तान की अपनी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा शुरू की। इस दौरान वह अपने तुर्कमेनिस्तान के समकक्ष सेर्डर बर्दीमुहामेदोव से मुलाकात की।