Krishi Sakhi Yojana: क्या है 'कृषि सखी कार्यक्रम', महिलाओं को पीएम मोदी की सौगात, जानें सब कुछ

Krishi Sakhi Yojana: क्या है कृषि सखी कार्यक्रम,  महिलाओं को पीएम मोदी की सौगात, जानें सब कुछ
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सरकार ने 'कृषि सखी कार्यक्रम' शुरुआत की है जिसमें कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की प्रबल भूमिका और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा ।

Krishi Sakhi Yojana: भारत की 3.0 मोदी सरकार (Modi Government) का कार्यकाल जहां पर शुरू हो गया है वहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) देश के हर वर्गों को लाभान्वित करने की पहल कर रहे हैं । इस प्रयास में ही सरकार ने 'कृषि सखी कार्यक्रम' शुरुआत की है जिसमें कृषि क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं की प्रबल भूमिका और कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा ।इस योजना का उद्देश्य एक तरह से महिला किसान को प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन देने से है। बता दें कि, पीएम मोदी ने आज वाराणसी में कृषि सखियों के रूप में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र प्रदान किए हैं।

लखपति योजना से है संबंध

सरकार का कृषि सखी कार्यक्रम का संबंध सरकार की ही महिला लखपति योजना से है। जैसा कि लखपति योजना में कहा गया था कि कार्यक्रम के तहत 3 करोड़ लखपति दीदी बनाई जाएगी इसकी शुरुआत कृषि सखी कार्यक्रम से हो रही है। इस सर्टिफिकेशन कार्यक्रम का उद्देश्य एक तरह से कृषि क्षेत्र से जुड़ी उन कृषि सखियों को प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन सर्टिफिकेट प्रदान करने से है। इस कार्यक्रम के तहत कृषि सखियों को "कृषि पैरा-एक्सटेंशन सहायक"बनाया जाएगा जो मूलभूत रूप से लखपति दीदी योजना के उद्देश्यों को पूरा करेगी। बता दें, इस कार्यक्रम को लेकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 30.08.2023 को एक MOU पर हस्ताक्षर किए।

किन राज्यों में शुरू की गई है योजना

इस कृषि सखी कार्यक्रम को वैसे तो पूरे देश में ही शुरू करने का प्रयास करना है लेकिन इसके पहले चरण में गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय जैसे 12 राज्यों में शुरू की गई है।

कृषि सखियों को क्यों चुना प्रशिक्षण के लिए

जैसा कि हम इस कार्यक्रम से समझ रहे हैं कि कृषि सखियों को "कृषि पैरा-एक्सटेंशन सहायक" का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे लेकर एक सवाल उठता है कि आखिर सखियों को ही क्यों इसके लिए चुना गया है इसका जवाब यह है कि कृषि क्षेत्र से जुड़ी इन सखियों को कृषक समुदाय और कृषि क्षेत्र की जरूरतों की गहरी समझ है इस कार्यक्रम के जरिए उन्हें स्वागत और सम्मान किया जाता हैं। कृषि सखियां दरअसल विश्वसनीय सामाजिक कार्यकर्ता और अनुभवी किसान है।

जानिए क्या रहेगा प्रशिक्षण का प्रकार

कृषि सखी कार्यक्रम के तहत किस प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाएगा इसे लेकर बताएं तो प्रशिक्षण के तहत 56 दिनों के लिए विभिन्न विस्तार सेवा पर पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है जो यह है...

1- भूमि की तैयारी से लेकर फसल काटने तक कृषि पारिस्थितिक अभ्यास

2- किसान फील्ड स्कूलों का आयोजन

3- बीज बैंक + स्थापना एवं प्रबंधन

4- मृदा स्वास्थ्य, मृदा और नमी संरक्षण प्रथाएं

5- एकीकृत कृषि प्रणाली

6- पशुधन प्रबंधन की मूल बातें

7- बायो इनपुट की तैयारी, उपयोग और इनकी स्थापना

8- बुनियादी संचार कौशल

प्रशिक्षण के बाद क्या मिलेंगे रोजगार के अवसर

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कृषि सखियों का प्रशिक्षण खत्म हो जाता है इसके बाद उनकी दक्षता को परखने के लिए एक दक्षता परीक्षा आयोजित की जाती है इस परीक्षा में जो भी सखियां अच्छा प्रदर्शन करती है पास होती है पैरा-विस्तार कार्यकर्ता के रूप में प्रमाणित किया जाता है। इस प्रमाण पत्र के साथ कृषि सखियां निर्धारित संसाधन शुल्क पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं की गतिविधियाँ करने में सक्षम होती हैं। इस तरह कार्य करते हुए वे एक वर्ष में 60 हजार से 80 हजार रुपये तक कमा सकती हैं।

आपको बता दे कि, इस कार्यक्रम के तहत आज तक 70000 में से 34,000 कृषि सखियों को पैरा - विस्तार कार्यकर्ता के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है।

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