विधायक गोविन्द सिंह को कांग्रेस से निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू, प्रस्ताव पारित कर भोपाल भेजा

विधायक गोविन्द सिंह को कांग्रेस से निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू, प्रस्ताव पारित कर भोपाल भेजा
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जिला कांग्रेस की कार्यवाही पर बोले डाक्टर गोविन्द सिंह पार्टी फोरम में करेंगे बात

भोपाल/भिंड। मध्य प्रदेश में उप चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस में शुरु हुई अन्र्तकलह थमने का नाम नही ले रही है। मंगलवार को कांग्रेस की भिण्ड जिला इकाई ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे डाक्टर गोविन्द सिंह के खिलाफ पार्टी से 6 साल के लिए निष्कसित करने की अनुशंसा का प्रस्ताव पारित कर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया है। जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लहार विधायक डाक्टर गोविन्द सिंह ने कहा कि इस सम्बन्ध में वह अपनी बात पार्टी फोरम पर करेंगे।

उल्लेखनीय है कि कमलनाथ सरकार के गठन से पतन तक निरन्तर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला और यह सिलसिला उप चुनाव के परिणाम आने के बाद तूल पकड़ गया है। मध्य प्रदेश के भिण्ड जिले की मेंहगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष स्वर्गीय सत्यदेव कटारे के पुत्र तथा पूर्व विधायक हेमन्त कटारे को उम्मीदवार बनाया था। इस उप चुनाव में हेमन्त कटारे भाजपा उम्मीदवार तथा शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया से पराजित हो गए। इस पराजय के बाद मंगलवार को जिला कांग्रेस कमेटी की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पूर्व विधायक हेमन्त कटारे की मौजूदगी में पार्टी के वरिष्ठ विधायक डाक्टर गोविन्द सिंह को मेंहगांव विधानसभा सीट पर कांग्रेस की पराजय के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने की अनुशंसा का प्रस्ताव पारित कर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कमलनाथ को भेजा गया है।

दिग्विजय यमर्थक हैं गोविन्द सिंह

बताना जरुरी है कि वरिष्ठ विधायक डाक्टर गोविन्द सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं। पिछले दिनों उनके द्वारा कांग्रेस में चल रही गुटबाजी को लेकर सवाल खड़े किए थे। यहां यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि डाक्टर गोविन्द सिंह मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं और पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष के लिए उनके नाम पर आलाकमान की सहमति हुई थी, लेकिन पार्टी में विरोधाभास की बात कहते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुखिया कमलनाथ ने उनके नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने सम्बन्धी चिट्ठी विधानसभा सचिवालय नही भेजी थी और कमलनाथ ने स्वयं इस पद पर अपने नाम की चिट्ठी विधानसभा सचिवालय भेज दी थी। उप चुनाव में कांग्रेस की पराजय के बाद कमलनाथ पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष में से किसी एक पद को छोड़ने के लिए दबाव बढ़ रहा था। जिसके वजह से एक बार फिर डाक्टर गो विन्द सिंह की दावेदारी नेता प्रतिपक्ष के लिए चल पड़ी थी। इस बीच जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा यह प्रस्ताव पारित किया जाना नेता प्रतिपक्ष की दौड़ से उनका नाम बाहर किए जाने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्या बोले गोविन्द सिंह

जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा 6 साल लिए पार्टी से निष्कासित किए जाने की अनुशंसा का प्रस्ताव पारित कर प्रदेश कांग्रेस को भेजे जाने पर डाक्टर गोविन्द सिंह ने कहा कि जिला कांग्रेस ने क्या प्रस्ताव पारित किया हैए इसकी अभी मुझे जानकारी नही है। फिर भी यदि ऐसा कोई प्रस्ताव पारित हुआ है, तो मैं अपनी बात पार्टी फोरम पर रखूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने विधानसभा उप चुनाव में मुझे गोहद विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया था, जहां कांग्रेस के उम्मीदवार मेवाराम जाटव की जीत हुई है।

जिला अध्यक्ष बोले

इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी भिण्ड के जिला अध्यक्ष जय श्री राम बघेल बोले पद रहे या न रहे या बेशक मेरी जान चली जाए, पर कांग्रेस को हराने वालों के खिलाफ खुलकर बोलूंगा।

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