गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग, इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए : हाईकोर्ट

गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग, इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए : हाईकोर्ट
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प्रयागराज। हाईकोर्ट ने आज एक केस की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को गौ सुरक्षा को लेकर बड़ा सुझाव दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने ये टिप्पणी गाय काटने के आरोपी जावेद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने कहा की गौरक्षा को हिन्दुओं का मौलिक अधिकार बनाना चाहिए।

इस मामले में सुनवाई कर रहे जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए सरकार को संसद में एक विधेयक लाना चाहिए और गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाना चाहिए।कोर्ट ने कहा गोरक्षा का कार्य केवल एक धर्म संप्रदाय का नहीं है, बल्कि गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का कार्य देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो।' आदेश में लिखा है कि जब गाय का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा।

जमानत देने से किया इंकार -

काउ स्लॉटर एक्ट में दोषी जावेद पर गोहत्या रोकथाम अधिनियम की धारा 3, 5 और 8 के तहत आरोप लगाए गए है। उसने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा की पूरे विश्व में भारत ही एकमात्र देश है, जहां लग-अलग धर्म के लोग एक साथ रहते हैं और अपने नियमों का पालन करते है लेकिन देश के लिए उनकी सोच एकसमान है। ऐसे में कुछ लोग जिनकी आस्था और विश्वास देश के हित में बिल्कुल नहीं है, वे देश में इस तरह की बात करके ही देश को कमजोर करते हैं।कोर्ट ने यह कहकर की प्रथम दृष्टया आवेदक पर आरोप सिद्ध होता है, यदि जमानत दी गई ह बड़े पैमाने पर समाज के सद्भाव को 'खराब' कर सकता है जमानत देने से मना कर दिया।

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