धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंची पीटी उषा, निकल सकता है हल

धरने पर बैठे पहलवानों से मिलने जंतर-मंतर पहुंची पीटी उषा, निकल सकता है हल
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नईदिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जारी पहलवानों के धरने का आज 11वें दिन भी जारी है। खाप पंचायतों से लेकर कई नेताओं के यहान पहुंचने के बाद आज भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने बुधवार को उन पहलवानों से मुलाकात की। उन्होंने धरनास्थल पर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगट और बजरंग पुनिया के साथ बातचीत करते देखा।

इससे पहले, उषा ने 27 अप्रैल को कहा था कि पहलवानों को डब्ल्यूएफआई और उसके अध्यक्ष के खिलाफ सड़कों पर उतरने के बजाय आईओए से संपर्क करना चाहिए था, जिस पर पहलवानों ने एथलीटों के यौन उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाया था।आईओए अध्यक्ष ने पहले मीडियाकर्मियों से कहा था, "भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में यौन उत्पीड़न के लिए एक समिति है, सड़कों पर जाने के बजाय वे (विरोध करने वाले पहलवान) पहले हमारे पास आ सकते थे लेकिन वे आईओए में नहीं आए। यह न केवल पहलवानों के लिए बल्कि खेल के लिए भी अच्छा नहीं है। उन्हें भी कुछ अनुशासन रखना चाहिए।" पहलवानों ने आईओए अध्यक्ष की टिप्पणी पर निराशा व्यक्त की थी।

साक्षी मलिक ने मीडियाकर्मियों से कहा, "एक महिला एथलीट होने के नाते, वह (पीटी उषा) अन्य महिला एथलीटों की बात नहीं सुन रही हैं। हमने बचपन से उनका अनुसरण किया है और उनसे प्रेरित हुए हैं। यहां अनुशासनहीनता कहां है, हम यहां शांति से बैठे हैं।"सीडब्ल्यूजी और विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगट ने भी उषा की टिप्पणियों को "असंवेदनशील" करार दिया।

विनेश ने कहा,"हम संविधान के अनुसार रहते हैं और स्वतंत्र नागरिक हैं। हम कहीं भी जा सकते हैं। अगर हम बाहर सड़कों पर बैठे हैं, तो कोई कारण होगा, कोई कारण होगा कि किसी ने हमारी बात नहीं सुनी, चाहे वह आईओए हो या खेल मंत्रालय। उनका यह कहना है असंवेदनशील है। मैंने उन्हें फोन भी किया, लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया।"बता दें कि 30 अप्रैल को, दिल्ली पुलिस ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोपों पर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की। शीर्ष भारतीय पहलवान जैसे विनेश फोगट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और कई अन्य पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।

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