Pune Burger King: अमेरिका के बर्गर को पुणे के बर्गर किंग ने पछाड़ा, जानिए पूरा मामला

अमेरिका के बर्गर को पुणे के बर्गर किंग ने पछाड़ा, जानिए पूरा मामला

Pune Burger King 

Pune Burger King Legal Battle : पुणे के बर्गर किंग ने वैश्विक दिग्गज कंपनी बर्गर किंग के खिलाफ 13 साल पुरानी कानूनी लड़ाई जीत ली है। इस तरह हम कह सकते हैं कि, अमेरिका के बर्गर को पुणे के बर्गर किंग ने पछाड़ दिया है। दोनों बर्गर किंग की लड़ाई किचन में नहीं बल्कि कोर्ट में लड़ी जा रही थी। आइए जानते हैं पूरा मामला।

पुणे की एक कमर्शियल अदालत ने 13 साल के पुराने मुकदमे में पुणे के लोकप्रिय बर्गर किंग के पक्ष में फैसला सुनाया है। जिला न्यायाधीश सुनील वेदपाठक ने 16 अगस्त के अपने आदेश में वैश्विक फास्ट फूड कंपनी अमेरिकी बर्गर किंग कॉरपोरेशन द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। मुकदमे में ट्रेडमार्क के उल्लंघन, पासिंग ऑफ, नुकसान आदि की बात की गई थी।

मुकदमा बर्गर किंग कॉरपोरेशन द्वारा पंकज पाहुजा के प्रतिनिधित्व में मेसर्स बर्गर किंग के मालिकों अनाहिता और शापूर ईरानी के खिलाफ शुरू किया गया था। कैंप और कोरेगांव पार्क क्षेत्रों में पुणे के बर्गर किंग द्वारा फ़ास्ट फ़ूड सेंटर चलाए जाते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनी ने नुकसान के लिए दावों और नाम के उपयोग पर स्थायी प्रतिबंध की मांग की थी। अधिवक्ता अभिजीत सरवटे की टीम ने अधिवक्ता सृष्टि अंगाने और राहुल परदेशी की सहायता से मामले में पुणे के बर्गर किंग का प्रतिनिधित्व किया।

कोर्ट ने फैसले में क्या कहा :

फैसले में, न्यायाधीश वेदपाठक ने उल्लेख किया कि पुणे की बर्गर किंग 1992-1993 से ही इस नाम और ट्रेडमार्क का उपयोग कर रही थी, अमेरिकी निगम द्वारा भारत में अपना ट्रेडमार्क पंजीकृत कराने से बहुत पहले। न्यायाधीश ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिकी कंपनी ने लगभग 30 वर्षों तक भारत में ट्रेडमार्क का उपयोग नहीं किया था, इस दौरान पुणे की बर्गर किंग ने लगातार इस नाम के तहत सेवाएँ प्रदान कीं, जिससे ट्रेडमार्क का उनका उपयोग कानूनी और ईमानदार हो गया।

बर्गर किंग :

जेम्स मैकलामोर और डेविड एजर्टन द्वारा 1954 में स्थापित बर्गर किंग कॉर्पोरेशन ने बर्गर किंग नाम से एक रेस्तरां चलाया, जो वर्तमान में दुनिया भर के 100 से अधिक देशों और अमेरिकी क्षेत्रों में 13,000 फास्ट फूड रेस्तरां की एक विश्वव्यापी श्रृंखला का प्रबंधन और संचालन करता है।

बर्गर किंग भारत में कब आया :

बहुराष्ट्रीय कंपनी बर्गर किंग वर्तमान में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फास्ट फूड हैमबर्गर कंपनी है, जिसमें 30,300 लोग कार्यरत हैं। एशिया में पहला बर्गर किंग फ्रैंचाइज़्ड रेस्तरां साल 1982 में खोला गया था और वर्तमान में एशिया में इसकी 1,200 से ज़्यादा यूनिट्स हैं। कंपनी ने 2014 में नई दिल्ली, मुंबई, पुणे में आउटलेट खोलकर भारतीय बाज़ार में प्रवेश किया था। तब पता चला था कि, 2008 से इसी नाम से एक रेस्तरां पहले से ही चल रहा था।

विदेशी फ़र्म ने पाया कि शापूर ईरानी भी पुणे में बर्गर किंग नाम से एक रेस्तरां चला रहे हैं। इसके बाद कंपनी ने उन्हें एक नोटिस भेजा। 3 जुलाई, 2009 को जवाब में ईरानी के एजेंट ने अपने रेस्तरां के लिए बर्गर किंग नाम का उपयोग करने पर ज़ोर दिया। पुणे स्थित बर्गर किंग द्वारा अमेरिकी फ़र्म की माँगों को मानने से इनकार करने के कारण मामला अदालत पहुंचा।

ऐतिहासिक जीत :

पुणे के बर्गर किंग का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा, "इस फैसले से बर्गर किंग पुणे को इस नाम का ईमानदार और पूर्व उपयोगकर्ता माना गया है, जिससे कानूनी लड़ाई के बाद ऐतिहासिक जीत हासिल हुई है। यह नाम पुणे में अच्छी तरह से जाना जाता है।"

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