राहुल गांधी के हाथरस दौरे ने खड़े किए कई बड़े सवाल, तमिलनाडु के पीड़ितों से मिलने क्यों नहीं गए राहुल...
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के हाथरस पहुंचे और 2 जुलाई को हुई भगदड़ से प्रभावित लोगों के परिवारों से मुलाकात की। हाथरस कार्यक्रम में 123 लोग मारे गए थे। सूरज पाल जाटव उर्फ 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में हुई भगदड़ में मारे गए सभी 123 लोगों के शवों की पहचान कर ली गई है और उन्हें उनके परिवारों को भी सौंप दिया गया है।
तमिलनाडु शराब त्रासदी पीड़ितों से क्यों नहीं मिले राहुल गांधी
राहुल गांधी का हाथरस दौरा कई सवाल खड़े करता है, कुछ ही दिन पहले तमिलनाडु के कल्लकुरिची में अवैध शराब के कारण 50 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राहुल गांधी को इन पीड़ितों के परिवार से मिलने से किसने रोका है। क्योंकि तमिलनाडु में उनके गठबंधन सहयोगियों द्वारा शासित सरकार है, इसलिए राहुल गांधी उस पूरी घटना पर चुप हैं। तमिलनाडु वाले शराब कांड में अभी भी दलित लोग चिकित्सालयों में जीवन-मृत्यु से जूझ रहे हैं। जब नेता प्रतिपक्ष में इस पर सवाल उठाया तो उन्हें सदन से बाहर निकाल दिया गया।
बंगाल हिंसा पर राहुल की चुप्पी
बंगाल के संदेशखाली में जो हुआ वह किसी से छिपा नहीं है। बंगाल में आए दिन महिलाओं के साथ अत्याचार के वीडियो सोशल मीडिया घूमते देखे जा सकते हैं। लेकिन राहुल गांधी सहित कांग्रेस के नेताओं की इस गंभीर मामले पर चुप्पी यह बताती है कि राहुल गांधी को राजनीति के अलावा और कुछ नहीं आता।
राहुल गांधी के हाथरस दौरे के बाद सोशल मीडिया पर लोग उसने यही पूछ रहे हैं कि राहुल गांधी बंगाल और तमिलनाडु के पीड़ितों से मिलने कब जाएंगे। हाथरस में हुई घटना बहुत ही संवेदनशील है और आस्था से जुड़ी हुई है, इस पर राजनीति करना किसी भी पार्टी के लिए ठीक नहीं है।