राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: सड़कों पर घूमने वाली गायों को अब 'आवारा' नहीं, कहें 'बेसहारा'...

सड़कों पर घूमने वाली गायों को अब आवारा नहीं, कहें बेसहारा...
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राजस्थान सरकार ने सड़कों पर घूमने वाली गायों और गोवंश के लिए 'आवारा' शब्द का इस्तेमाल रोकने का फैसला किया है। इसके स्थान पर अब इन्हें 'बेसहारा' या 'असहाय' जैसे शब्दों से संबोधित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की सरकार ने यह आदेश जारी करते हुए कहा कि 'आवारा' शब्द अपमानजनक है और गायों के सम्मान में इसे बदला जाना चाहिए।

गोवंश के संरक्षण पर ज़ोर

राज्य के पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने इस फैसले की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि गायों को 'आवारा' कहना अनुचित है, और 'बेसहारा' जैसे शब्द का प्रयोग इन्हें अधिक सम्मानजनक बनाता है। साथ ही, उन्होंने गोवंश के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री पशुपालन विकास कोष के तहत 250 करोड़ रुपये के प्रावधान का भी जिक्र किया है।

गोपालन के लिए नई योजनाएं

मुख्यमंत्री शर्मा ने गोवंश संवर्धन के लिए कई नई योजनाएं भी शुरू की हैं। इनमें गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना शामिल है, जिसके तहत गोपालकों को एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण मिल सकेगा।

इसके अलावा, पंजीकृत गौशालाओं को अनुदान में 10 प्रतिशत वृद्धि, 100 गौशालाओं में रियायती दरों पर गौ काष्ठ मशीन उपलब्ध करवाने जैसे कदम भी शामिल हैं।

सांस्कृतिक महत्व पर बल

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को विशेष महत्व प्राप्त है। गौ माता को आर्थिक समृद्धि, कृषि, आयुर्वेद और पर्यावरण संरक्षण का आधार माना गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस परंपरा का सम्मान करते हुए गायों और गोपालकों के लिए लगातार निर्णय ले रही है, ताकि प्रदेश में गौवंश का संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित हो सके।

इस फैसले पर जहां कुछ लोगों ने गायों के प्रति अधिक संवेदनशीलता की सराहना की, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने इसे सिर्फ दिखावा बताया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार केवल घोषणाएं कर रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

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