विपक्ष के विरोध से राज्यसभा की कार्यवाही बाधित, गांधी प्रतिमा पर दिया धरना

विपक्ष के विरोध से राज्यसभा की कार्यवाही बाधित, गांधी प्रतिमा पर दिया धरना
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नईदिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को प्रश्नकाल, शून्यकाल की कार्यवाही नहीं हो सकी और तीन बार के स्थगन के बाद कार्यवाही गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों के मुद्दे तथा राज्यसभा के 12 सदस्यों के निलंबन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना समेत अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के हंगामे के कारण सदन में कामकाज बाधित रहा।

पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने टीआरएस सदस्यों को अपनी जगह लौटने को कहा। टीआरएस सदस्य सदन में प्ले कार्ड लिये हुए थे। सभापति के मना करने के बाद भी वे अपनी सीट पर नहीं लौटे। सदन में हंगामा बढ़ता देख सभापति ने बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबित सदस्यों का मुद्दा उठाने की अनुमति चाही किंतु उप सभापति हरिवंश ने उन्हें समय देने से इनकार करते हुए कहा कि इस बारे में सभापति पहले ही अपनी व्यवस्था दे चुके हैं। उन्होंने खड़गे से कहा कि सभापति ने उनको सदन के नेता के साथ बातचीत कर समाधान निकालने के लिए कहा है। उप सभापति ने इसके बाद प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की। इसी दौरान कांग्रेस सदस्यों ने शोरगुल और हंगामा शुरू कर दिया। सदन में हंगामा बढ़ता देख उप सभापति ने बैठक दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भोजनावकाश के बाद जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। इस कारण बैठक तीसरी बार भी स्थगित कर दी गई।

तीन बार सदन स्थगित होने के बाद पीठासीन अधिकारी भुवनेश्वर कलिता ने जब कार्यवाही शुरू की तो जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत अपनी बात कहने के लिए सीट से खड़े हो गए। इतने में ही ही सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी बोलने के लिए खड़े हो गए। इस बीच कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल के सदस्य खड़गे को बोलने का मौका दिए जाने पर जोर देते हुए अपने स्थान से खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे। सदन में हंगामा तेज होने लगा। कलिता ने सदस्यों को समझाने का प्रयास किया किंतु विपक्षी सदस्यों ने इसे अनसुना कर दिया। कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल और टीआरएस के सदस्य आसन के समीप पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। सदन में शांति बनते न देख पीठासीन अधिकारी ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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