#Positivity Unlimited : संकट की इस घड़ी में धैर्य रखें और अपनी शक्ति लोगों की सेवा में लगायें

#Positivity Unlimited : संकट की इस घड़ी में धैर्य रखें और अपनी शक्ति लोगों की सेवा में लगायें
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नईदिल्ली। आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को कहा कि वर्तमान समय 'निर्बल के बल राम' पर हमारे विश्वास की परीक्षा है। हमें इस समय धैर्य और जोश के साथ करुणा का भाव जगाते हुए सेवा कार्य करना चाहिए। वह कोरोना महामारी के कालखंड में सकारात्मकता का संदेश दे रहे थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहल पर 11 से 15 मई के बीच कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान सकारात्मक संदेश देने के लिए एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को श्री श्री रविशंकर, उद्योगपति अजीम प्रेमजी और सामाजिक कार्यकर्ता निवेदिता भिड़े ने अपना वीडियो संदेश दिया। 'पॉजिटिविटी अनलिमिटेड : हम जीतेंगे' व्याख्यान श्रृंखला का समन्वय दिल्ली कोविड रिस्पांस टीम के संयोजक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने किया।

श्री श्री ने कहा कि छात्र अक्सर परीक्षा के समय ईश्वर को याद करते हैं। वर्तमान भी हमारा परीक्षा का समय है और हमें ईश्वर को याद करना चाहिए। यह हमारे 'निर्बल के बल राम' की धारणा की परीक्षा है। हम हमेशा दबाव से उबरें है और इस बार भी उबरेंगे। आध्यात्मिक गुरु रविशंकर ने कहा कि वर्तमान समय अपने अंदर धैर्य जगाने का है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अपने अंदर जोश जगाएं और साथ ही होश संभालते हुए सही दिशा में प्रयास करें। इस समय हमें नियमों का पालन करना चाहिए और नकारात्मकता का भाव मन में नहीं लाना चाहिए।

दूसरों का मनोबल बढ़ाना चाहिए -

उन्होंने कहा कि दूसरों को देखने पर हमें पता चलेगा कि हमारा दुख उनसे कम है। इससे हमारे मन में करुणा का भाव जगेगा और हमें सेवा के लिए प्रेरणा मिलेगी। हमें हर संभव प्रयास करते हुए सेवा कार्य करना चाहिए और अपना व दूसरों का मनोबल बढ़ाना चाहिए। विप्रो के संस्थापक और अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने अपने संदेश में कहा कि वर्तमान संकट के काल में हमें आपसी मतभेद मिटाकर एकजुट होकर प्रयास करना होगा। इन प्रयासों में हमें तेजी भी लानी होगी। साथ ही ऐसा करते समय आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर मदद पहुंचानी होगी । वह इस समय बीमारी के साथ आर्थिक दृष्टि से भी कोरोना की मार झेल रहे हैं।

मन को सकारात्मक दिशा -

प्रेमजी ने अपने संदेश में वैज्ञानिक सोच पर विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें उसके आधार पर आगे चलना होगा। साथ ही महामारी के बाद आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में प्रयास करने होंगे। वहीं स्वामी विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता रघुनाथ भिड़े ने कहा कि हर कठिनायी का समय एक अवसर लेकर हमारे सामने आता । इससे हम अपने अंदर उन्नति ला सकते हैं। उन्होंने इस दौरान पांच अवसर गिनाये। इनमें प्राण शक्ति बढ़ाना (स्वंसन प्रणाली को बेहतर करना), मन को सकारात्मक दिशा जैसे नया कुछ सिखने में लगाना, परिवार के साथ बेहतर समय गुजारना, लोगों की सेवा करना और व्यक्तिगत सोच से ऊपर उठना शामिल है।

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