महाराष्ट्र में विकास नहीं बल्कि महा वसूली अगाड़ी सरकार : रविशंकर प्रसाद

महाराष्ट्र में विकास नहीं बल्कि महा वसूली अगाड़ी सरकार : रविशंकर प्रसाद
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नईदिल्ली। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार लोगों से जबरन पैसा वसूली के एकमात्र उद्देश्य पर चल रही है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में एमवीए सरकार का नाम 'महाराष्ट्र विकास अगाड़ी' नहीं बल्कि 'महाराष्ट्र महा वसूली अगाड़ी' है। उन्होंने कहा कि "महाराष्ट्र में जो हो रहा है, वह विकास नहीं बल्कि जबरन वसूली है।" केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में भी एक 'खेला' चल रहा है। उन्होंने कहा कि झूठ बोलने को मजबूर किये जाने के बाद राकांपा अध्यक्ष शरद पवार की विश्वसनीयता पर दाग लग गया है। भाजपा नेता ने कहा, "मैं शरद पवार से कहना चाहूंगा कि वह देश को बताएं कि गलत तथ्यों के आधार पर उन्हें महाराष्ट्र के गृहमंत्री को क्यों डिफेंड करना पड़ा।"

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे नीत सरकार ने सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि किसी पुलिस कमिश्नर ने लिखा कि राज्य के गृह मंत्री ने मुंबई से 100 करोड़ रुपये महीना वसूली का टार्गेट तय किया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ रुपये है तो बाकी के मंत्रियों का कितना होगा। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दस्तावेजों के साथ कहा है कि ट्रांसफर और पोस्टिंग के नाम पर भी वसूली चल रही थी। वो भी छोटे मोटे ऑफिसर्स की ही नहीं बल्कि बड़े बड़े आईपीएस ऑफिसर्स की भी।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में बड़े अधिकारियों की पोस्टिंग में वसूली हो रही है, तो हमें लगा मुख्यमंत्री कार्रवाई करेंगे। लेकिन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के बजाय, एक ईमानदारी महिला अधिकारी को सिविल डिफेंस का डीजीपी बना दिया। सचिन वाजे सस्पेंडेड था, करीब 15-16 वर्षों तक, वो शिवसेना का सदस्य बनता है। उसे कोरोना काल में बहाल करते हैं। उसके बाद उन्हें ही 100 करोड़ वसूली का टार्गेट दिया जाता है।

भाजपा नेता ने मुकेश अंबानी का नाम लिए बिना कहा कि एक उद्योगपति के घर के सामने जो गाड़ी मिली है उसकी एनआईए जांच कर रही है। उस गाड़ी का तथाकथित मालिक मृत पाया जाता है ऐसे में उसकी जांच को आखिर क्यों रोका जा रहा है।

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