Patanjali Misleading Ad Case: बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने बंद किया अवमानना मामला
Patanjali Misleading Ad Case
Patanjali Misleading Ad Case : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन मामले में योग गुरु स्वामी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दिया। योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन के प्रचार के लिए शीर्ष अदालत से माफ़ी मांगी थी। साथ ही साथ बाबा रामदेव ने अख़बार में भी माफीनामा प्रकाशित किया था।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने आज (13 अगस्त) फैसला सुनाया और अदालत की अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी। बाबा रामदेव ने नवंबर 2023 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अदालत से माफी मांगी थी, जिसमें उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ अदालत द्वारा फटकार लगाए जाने के बाद मामले के बारे में बात की थी।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ कथित बदनामी अभियान के खिलाफ भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा दायर याचिका के आधार पर मामला शुरू किया था।
2024 के फरवरी में, न्यायालय ने पतंजलि के ऐसे विज्ञापनों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही अदालत ने भ्रामक दावे करने के लिए पतंजलि कंपनी और बालकृष्ण को कंटेम्ट ऑफ कोर्ट नोटिस जारी किया था।
नवंबर 2023 में, सर्वोच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद उत्पादों के प्रत्येक विज्ञापन में किए गए झूठे दावे के लिए 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने की धमकी भी दी थी। शीर्ष अदालत ने तब पतंजलि को भविष्य में झूठे विज्ञापन प्रकाशित न करने का निर्देश भी दिया था।